कांग्रेस सरकार की वो गाइडलाइन जिससे केजरीवाल तो क्या कोई भी मंत्री या विधायक नहीं जा सकता विदेश
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कांग्रेस सरकार की वो गाइडलाइन जिससे केजरीवाल तो क्या कोई भी मंत्री या विधायक नहीं जा सकता विदेश

Kejariwal Singapore Trip Controversy: आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सीएम अरविन्द केजरीवाल को सिंगापुर के वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने पर सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है. 

कांग्रेस सरकार की वो गाइडलाइन जिससे केजरीवाल तो क्या कोई भी मंत्री या विधायक नहीं जा सकता विदेश

नई दिल्ली: सीएम अरविन्द केजरीवाल को सिंगापुर के वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलने का मामला अब संसद तक पहुंच गया है. आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने नोटिस देकर सरकार से इस विषय पर जवाब मांगा है. पहले भी सीएम केजरीवाल को 2019 में डेनमार्क की एक समिट में शामिल होने की अनुमति केन्द्र सरकार से नहीं मिली थी. 

छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को भी इंडोनेशिया के बाली में 21 से 24 जून तक आयोजित एवीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस-2022 में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था. पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन पर आयोजित इस सम्मेलन में 22 जून को उनका भी  संबोधन था, लेकिन केन्द्र सरकार ने उन्हें भी वहां जाने की अनुमति नहीं दी थी. 

ऐसे में एक सवाल आप सबके जहन में आ रहा होगा कि आखिर एक राज्य का मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हुए व्यक्ति को भी क्या इजाजत की जरूरत होती है? इसका जवीब हां है. दरअसल सभी राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, केंद्र सरकार के अधिकारी और ब्यूरोक्रेट्स को विदेश यात्रा पर जाने के लिए विदेश मंत्रालय की अनुमति लेना अनिवार्य होता है, इसके लिए कुछ नियम भी बनाए गए हैं. 

केंद्रीय सचिवालय ने जारी की है गाइडलाइन
26 अगस्त 2010 को केंद्रीय सचिवालय की तरफ से राज्य के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, लोकसभा-राज्यसभा सांसद, की विदेश यात्रा को लेकर एक गाइडलाइन जारी की गई थी. इसके अनुसार विदेश यात्रा पर जाने से पहले इन सभी को प्रधानमंत्री कार्यालय की मंजूरी लेनी होती थी.

6 मई 2015 को 2010 की गाइडलाइंस में कुछ संशोधन किए गए. इसके बाद किसी भी राज्य के  मुख्यमंत्री या मंत्री को किसी भी आधिकारिक या निजी विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उन्हें केंद्रीय सचिवालय और विदेश मंत्रालय से अनुमति लेनी होगी और  FCRA क्लियरेंस भी जरूरी है. 

FCRA (Foreign Contribution Regulation Act) क्या है? 
एफसीआरए के द्वारा कोई भी सहायता प्रदान करने वाली संस्था या NGO विदेशों से आसानी से कुछ लाभ ले सकती है. FCRA का कार्य विदेशी छंदों का विनियमन करना है और ये सुनिश्चित करना है की इस तरह की सहायता से आतंरिक सुरक्षा को कोई खतरा पैदा नहीं हो. FCRA वेबसाइट के मुताबिक 1976 में इसे पारित किया गया और 2020 में इसमें कई संसोधन किए गए. 

विदेश यात्रा से पहले क्यों जरूरी है FCRA क्लियरेंस
विधान सभा सदस्यों, राजनीतिक दलों, सरकारी अधिकारियों, न्यायाधीशों और मीडिया के लोगों को किसी भी तरह के विदेशी मदद लेने से रोका गया है. इसलिए विदेश यात्रा से पहले  FCRA क्लियरेंस जरूरी होता है. 

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