Adampur By-Election: कुलदीप बिश्नोई की राहें आसान नहीं, सोनाली की बहन रुकेश भी ठोकेंगी BJP से टिकट की दावेदारी
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Adampur By-Election: कुलदीप बिश्नोई की राहें आसान नहीं, सोनाली की बहन रुकेश भी ठोकेंगी BJP से टिकट की दावेदारी

आदमपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीखों का एलान हो गया है. अब सारी राजनीतिक पार्टियां जार-शोर से अपना प्रचार-प्रसार कर रही हैं. वहीं सोनाली का परिवार भी इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

Adampur By-Election: कुलदीप बिश्नोई की राहें आसान नहीं, सोनाली की बहन रुकेश भी ठोकेंगी BJP से टिकट की दावेदारी

Adampur By-Election: आदमपुर विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है. अब राजनीतिक पार्टियां पूरे जोर-शोर से अपना प्रचार कर रही हैं. इसी बीच भाजपा की स्वर्गीय नेता सोनाली फोगाट का परिवार भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए सोनाली के परिवार ने धन्यवादी सभा का आयोजन किया है. इस सभा के माध्यम से ही सोनाली का परिवार अपना शक्ति प्रदर्शन करेगा. वहीं इसके माध्यम से सोनाली का परिवार भाजपा के टिकट के लिए दावेदारी ठोकेगा.

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बता दें कि सोनाली के मौत के बाद ही उनके परिवार ने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी थी. इसी को लेकर ही आज आदमपुर में धन्यवादी सभा का आयोजन किया है. इसका पोस्टर से साफ जाहिर हो रहा है कि सोनाली का परिवार भाजपा से टिकट की दावेदारी कर रहा है. इसके पोस्टर में निवेदक के तौर पर समस्त भाजपा परिवार, हल्का आदमपुर लिखा हुआ है. वहीं इस धन्यवादी सभा में सोनाली फोगाट का स्लोगन लिखा है कि मैं रहूं या ना रहूं, मेरे कार्यकर्ताओं की अनदेखी कभी नहीं होगी.

इस पर सोनाली के भाई वतन ढाका ने कहा कि धन्यवादी सभा में हमारा पूरा परिवार जाएगा. हम तो पार्टी के साथ हैं. अगर पार्टी टिकट देगी तो चुनाव लड़ेंगे, बिना टिकट के चुनाव नहीं लड़ा जा सकता. हमने नेताओं को नहीं कार्यकर्ताओं को बुलाया है, जिन्होंने 3 साल से सोनाली और हमारे परिवार का साथ दिया.

वहीं अब सोनाली की जगह उनकी बहन रुकेश पूनिया राजनीति में उतरेंगी. इसका एलान सोलानी की बेटी यशोधरा ने 24 सितंबर को हुई सर्व खाप पंचायत में किया था. इस दौरान यशोधरा ने कहा था कि वह अभी नाबालिग हैं. इसलिए वो अपनी मां की राजनीतिक विरासत अपनी मौसी रुकेश पूनिया को सौंपती हैं.

वहीं कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए कुलदीप बिश्नोई भी इसी सीट से भाजपा के टिकट के लिए दावेदारी ठोक रहे हैं. अब देखना यह होगा कि भाजपा इस सीट से किसे टिकट देती है, क्योंकि दोनों में से किसी एक को टिकट देने का मतलब है एक को नाराज करना. ऐसे में भाजपा के पास एक को टिकट देकर दूसरे को संगठन में कोई बड़ा पद दे तभी इसका समाधान निकल सकता है.