Bihar AIDS: बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया में एड्स दिवस के अवसर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. पश्चिम चंपारण जिले में एड्स पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा काफी डराने वाला है. जिला में 3583 HIV पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं. इनमें 60% पुरुष हैं, 37% महिलाएं हैं, 2% बच्चे हैं और 01% ट्रांसजेंडर हैं. यह आकड़ा जिला के लिए चिंता का विषय है, लेकिन स्वास्थ विभाग इसके रोकथाम के लिए प्रयासरत है. गांव-गांव में मेडिकल टीम एड्स की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चला रही है.
जीएमसीएच अधीक्षक डॉ सुधा भारती बताती हैं कि जागरूकता टीम गांवों में घर-घर बता रही हैं कि अनसेफ सेक्स जीवन के लिए खतरा है. ट्रक ड्राइवर और बाहर रहने वाले युवक इसके प्रभाव में आ जा रहे हैं. जिसकी वजह से परिवार को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस कड़ी में ट्रक चालक लापरवाह बने हुए हैं. लाइन होटल या कहीं भी अनसेफ सेक्स करने की वजह से लोग HIV पॉजिटिव हो रहे हैं.
डॉ सुधा भारती आगे बताती हैं कि कई ऐसे मामले आए हैं, जिसमें एलर्जी से भी मरीज HIV संक्रमित हुए हैं. यह तब होता है जब बिना जाने मरीज के परिजन निजी क्लिनिक में ब्लड लेकर मरीज को चढ़ा दे रहे हैं. उन्हें नहीं पता होता है कि ब्लड इफेक्टिव है, या गुणवक्तापूर्ण है.
ऐसे लोगों को सरकारी अस्पतालों से या संबंधित गुणवक्तापूर्ण स्टॉल से ब्लड की खरीदारी करनी चाहिए. ताकि, ब्लड ट्रांससीजन में खतरा न हो. सरकारी अस्पतालों में एलिसा मेथर्ड से ब्लड रखा जाता है. जहां ब्लड की गुणवत्ता कायम रहती है.
डॉ सुधा भारती ने आगे बताया कि बहुत ऐसे केस आ रहे हैं, जिनमें यह खुलासा हो रहा है कि नशा करने वाले युवक इंजेक्शन से ड्रग ले रहे हैं. एक इंजेक्शन से कई लोग ड्रग ले रहे हैं. जिससे वो HIV पॉजिटिव हो जा रहे हैं. इसके रोकथाम के लिए भी अभियान चलाया जा रहा है. यह केस मरीजों के लिए सायलेंट किलर बन रहा है.
कल बीते सोमवार, देर शाम जीएमसीएच में डॉ सुधा भारती ने एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें एएनएम के 70 बच्चों ने भाग लिया. सभी बच्चों ने एड्स से बचाव के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया. जीवन को बचाने के लिए बच्चों ने कागज पर एक से बढ़कर एक तस्वीरों को उकेरा. प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों में से तीन बच्चों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया गया. सभी बच्चों को मेडल पहना सम्मानित किया गया.
डॉ सुधा भारती ने बताया कि एड्स वैश्विक स्तर पर एक गंभीर समस्या है. इसके रोकथाम के लिए जागरूकता ही बचाव है. मेडिकल टीम गांव-गांव कैंप लगा लोगों को जागरूक कर रही है. विदेशों में जाने वाले लोगों को काफी सजग रहना होगा, इस बीमारी का उपचार ही जागरूकता है. इसे युवा पीढ़ी को समझने की जरूरत है. (इनपुट - धनंजय द्विवेदी)
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