2006 में विराट कोहली के जीवन में तूफान सा आ गया था. सिर से पिता का साया जो उठ गया था. उस समय विराट कोहली केवल 17 साल के थे. तब विराट कोहली रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए खेलते थे. पिता के निधन की खबर मिलने के बाद भी विराट कोहली बल्लेबाजी करने उतरे और 80 रन बनाए थे. कोहली के 80 रनों क मदद से कर्नाटक के खिलाफ दिल्ली ने फॉलोआन बचा लिया था. ईशांत शर्मा भी तब विराट कोहली के साथ खेलते थे. उन्होंने विराट को गंभीर देख सिर पर टपली मारी और पूछा— क्या हुआ. विराट तब भी गंभीर ही रहे. तब दूसरे किसी खिलाड़ी ने ईशांत को पूरी बात बताई. पिता के निधन के बाद विराट कोहली ने अपनी मां की खुशियों का बखूबी ख्याल रखा. कोहली कहते हैं, मां समझती है कि मैं 8—9 साल से बीमार हूं. वह मुझे रोज फोन करके कहती है कि तू कमजोर लग रहा है. खाने में क्या खाते हो. मां मेरी बहुत केयर करती है. उसका होना ही मेरे लिए भगवान का सबसे बड़ा आशीर्वाद है. कोहली यह भी कहते हैं कि मां का ख्याल रखना सबसे अधिक जरूरी है. मां की खुशियां ही सब कुछ है. मेरे लिए मां से बढ़कर इस दुनिया में कुछ भी नहीं है.