पटना के वैज्ञानिकों ने धान की एक ऐसी प्रजाति विकसित की है, जो कम पानी और सूखे की परिस्थितियों में भी किसानों को भरपूर उपज देगी. इसे नाम दिया गया है—स्वर्ण पूर्वी धान 5. इस धान की खासियत है कि यह 110 से 115 दिन में पूरी तरह से तैयार हो जाता है, और इससे पानी की 35 से 40 प्रतिशत तक बचत होती है. इस विशेष प्रजाति की धान से सामान्य अवस्था में प्रति हेक्टेयर 44 क्विंटल की उपज मिल सकती है, जबकि सूखे की स्थिति में भी 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन संभव है. यानी, अब किसान पानी की कमी के बावजूद अपनी फसल से अच्छी उपज की उम्मीद कर सकते हैं.