मुजफ्फरपुर के बेनीपुर गांव से गुजरने वाली बागमती नदी को पुरानी धारा में लाने के लिए 2019 में 24 करोड़ की योजना बनाई गई और काम कराया गया, लेकिन नदी अब भी नई धारा में तेज रफ्तार से बह रही है. 45 दिन में ही कॉफर डैम टूट गया. वहीं निकाले गए गाद को नदी किनारे ही छोड़ दिया गया, जिससे गाद फिर से नदी में समा गया. 2020 में 4 करोड़ और 2021 में 10 करोड़ की नई योजनाएं बनाई गईं, लेकिन नदी की धारा को बदलने में कोई सफलता नहीं मिली. स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री रामसूरत राय ने योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी अधिकारी और ठेकेदारों ने मिलकर राशि का बंदरबांट किया. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जांच नहीं कराई गई, तो वे इस मुद्दे को विधानसभा और हाईकोर्ट में उठाएंगे. नदी की तेज धार से बांध टूटने और गांवों के बह जाने का खतरा बना हुआ है, जिससे स्थानीय लोग दहशत में हैं.
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