Lok Sabha Election: ललन सिंह का लालू परिवार पर जोरदार हमला, कहा- 'एक-एक तीर से 10 लालटेन फूटेगा....'
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Lok Sabha Election: ललन सिंह का लालू परिवार पर जोरदार हमला, कहा- 'एक-एक तीर से 10 लालटेन फूटेगा....'

Lok Sabha Election: जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सीवान के एनडीए प्रधान कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने ने प्रेस वार्ता करते हुए लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव 4 जून के बाद स्थाई तौर पर आराम करेंगे.

ललन सिंह लालू परिवार पर जोरदार हमला

सीवानः Lok Sabha Election: जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह सीवान के एनडीए प्रधान कार्यालय पहुंचे. जहां उन्होंने ने प्रेस वार्ता करते हुए लालू परिवार पर जमकर निशाना साधा. इस दौरान उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव 4 जून के बाद स्थाई तौर पर आराम करेंगे. घूम कर ये बताना चाहिए कि उनके पिता और माता ने 15 वर्ष जब शासन किया, तो उस वक्त बिहार की क्या हालत थी. 

ललन सिंह ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव को ये बताना चाहिए कि क्या बिहार में कोई कानून व्यवस्था थी. शाम 7 बजे के बाद घर से कोई नहीं निकलता था, दहशत बनी रहती थी. ये कोई अभी भुला नहीं है. नए लोग उस हालात को नहीं देखे है, लेकिन पुराने लोग भूले नहीं है. तेजस्वी जी भविष्यवक्ता है, 18 वर्ष से इंतजार कर रहे हैं. अब उनको बिहार की जनता फिर से मौका नहीं देना चाहती है.

वहीं ललन सिंह ने रोहिणी आचार्य के आतंक वाले बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि उनको अपने माता-पिता से पूछना चाहिए कि उस वक्त कैसा गुंडा राज था, कोई घर से नहीं निकलता था. दहशत का आतंक का माहौल था. उसको पूछने का कोई अधिकार ही नहीं है. सीवान में पूर्व सांसद दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन के आतंक का जिक्र करते हुए ललन सिंह ने कहा कि जब समता पार्टी बनाए थे. तब सीवान का कोई भी टेंट वाला दरी भी देने को तैयार नहीं था. छपरा से टेंट, दरी लेकर आए थे. लोग खुल के सामने आकर नहीं सुनते, चुपके से हमारी बातों को सुनते थे. जब आपके माता-पिता बिहार में बिजली नहीं दिए, तब आप लालटेन घुमाते थे. उनको सलाह देनी है कि लालटेन अब बदल दीजिए, चेंज कर दीजिए. 

ललन सिंह ने आगे कहा कि बिहार को उन्होंने लालटेन में रखा. नीतीश ने बिहार को बिजली चकाचक दे दिया. एक-एक तीर से 10 लालटेन फूटेगा. माता- पिता ने जो कर्म किए, तब नीतीश जी ने पुत्र को सुधारने का मौका दिया जब नहीं सुधरे. तब नीतीश जी ने विदा कर दिया. 18 वर्षों में एक उदाहरण नहीं है कि अल्पसंख्यक पर अत्याचार हो या असुरक्षित महसूस किए हो. 15 वर्षों में लालू ने किसी मदरसे पर ध्यान नहीं दिया.
इनपुट- अमित कुमार सिंह, सीवान 

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