Engineer Atul Subhash Case: अतुल सुभाष की मां ने हैबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए शीर्ष अदालत ने न्याय की गुहार लगाई है. उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होनी है.
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Engineer Atul Subhash Case: बिहार के इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड के बाद अब उनकी मां ने अपने 4 साल के पोते की कस्टडी मांगी है. मृतक अतुल सुभाष की मां की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज (मंगलवार, 7 जनवरी) सुनवाई होने वाली है. वहीं बच्चे की मां निकिता सिंघानिया के वकील की ओर से कोर्ट को बताया कि बच्चा अब मां के पास है. इस केस में निकिता सिंघानिया को जमानत मिलने के बाद उन्होंने बच्चे की कस्टडी हासिल कर ली है. वकील की ओर से बताया गया कि जब मां जेल में थी, उस वक्त बच्चा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में था. अब चूंकि जमानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें बैंगलुरू में जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता है, इसलिए वो बच्चे को अपने साथ बैंगलुरू ले जाएंगी.
वहीं अतुल सुभाष की मां ने हैबियस कॉर्पस यानी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करते हुए शीर्ष अदालत ने न्याय की गुहार लगाई है. अतुल सुभाष मां अंजू देवी की ओर से पेश वकील ने बच्चे की कस्टडी उन्हें यानी दादी को सौंपे जाने की मांग की. वकील ने कहा कि बच्चे की उम्र 4 साल है. मां उसकी सही तरीके से देखभाल नहीं कर पाएगी. नियमों के मुताबिक 6 साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल नहीं किया जा सकता, लेकिन इसके बावजूद बच्चा करीब डेढ़ साल से बोर्डिंग स्कूल में है. उन्होंने कहा कि अगर एक अभिभावक दूसरे अभिभावक की मौत के केस में आरोपी है तो जरूरी नहीं है कि बच्चे की कस्टड़ी दूसरे अभिभावक को मिले. पहले भी कोर्ट अपने फैसले में यह साफ कर चुका है.
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बता दें कि 34 साल के AI इंजीनियर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट में फांसी लगा ली थी. मरने से पहले अतुल सुभाष ने करीब डेढ़ घंटे का वीडियो बनाया था, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंहानिया और चाचा ससुर सुशील सिंहानिया पर हैरेसमेंट, आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने 24 पन्ने का सुसाइड नोट भी अपने दोस्तों और परिवार को सर्कुलेट किया था.
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