मधेपुरा में निजी अस्पताल के दलालों के द्वारा प्रसव पीड़ितों को बहला फुसला कर अपने हॉस्पिटल ले जाया जाता है. जहां पर डिलीवरी के बाद बच्चों को गायब कर दिया जाता है.
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Madhepura: बिहार के मधेपुरा सदर अस्पताल में निजी हॉस्पिटल के दलालों का कारोबार चल रहा है. यहां पर लगातार निजी अस्पताल के दलालों के द्वारा प्रसव पीड़ितों को बहला फुसला कर अपने हॉस्पिटल ले जाया जाता है. जहां पर डिलीवरी के बाद बच्चों को गायब कर दिया जाता है. वहीं, पीड़ित की शिकायत के बाद सदर अस्पताल के सीएमओ ने मामले की कार्रवाई के लिए जांच टीम का गठन किया और निजी हॉस्पिटल को सील कर दिया.
जानें क्या है मामला
दरअसल, ताजा मामला मधेपुरा के सिंहेश्वर स्थित नॉर्मल डिलीवरी सेंटर नामक निजी अस्पताल का है. यहां पर निजी अस्पताल के दलाल पहुंच कर प्रसव पीड़ितों को बहला फुसला कर सरकारी अस्पताल से ले जाते हैं. यहां पर गुड़िया कुमारी नामक प्रसव पीड़ित महिला के साथ इस प्रकार की घटना को अंजाम दिया गया. वहीं प्रसव पीड़िता गुड़िया कुमारी ने बताया कि पिछले साल 27 दिसंबर को सदर अस्पताल में डिलीवरी को लेकर भर्ती हुई थी. लेकिन यहां मौजूद निजी अस्पताल के दलालों के द्वारा उसे बहला फुसला लिया गया था. पीड़ित गुड़िया को साधारण डिलीवरी के नाम पर सिंहेश्वर अंतर्गत झिटकिया स्थित नॉर्मल डिलीवरी नामक निजी अस्पताल सेंटर में भर्ती किया गया था. जहां पर महिला से 30 हजार रुपए की मांग की गई थी. हालांकि महिला ने 27 हजार में डिलीवरी की बात फाइनल की थी. जिसके बाद वहां पर मौजूद डॉक्टरों और अस्पताल के संचालक ने ऑपरेशन कर डिलीवरी का भरोसा दिलाया था. महिला ऑपरेशन के दौरान बेहोश हुई तो बच्चे को गायब कर दिया. वहीं, महिला ने होश में आने के बाद नवजात बच्चे की डिमांड की तो संचालक और डॉक्टरों ने बच्चा मृत बताया. डॉक्टरों ने कहा कि मृत बच्चे को फेंक दिया गया.
अस्पताल को किया गया सील
हालांकि पीड़ित ने उसके बाद मृत बच्चे की मांग की, उसके बाद किसी ने एक नहीं सुनी. वहीं, पीड़ित ने बताया कि उसे करीब 7 दिनों तक बंधक बनाकर रखा हुआ था. जब तक अस्पताल को पूरे पैसे नहीं दिए थे. निजी अस्पताल से निकलने के बाद पीड़िता फिर सदर अस्पताल में भर्ती हुई. जिसके बाद उसने सदर अस्पताल के सीएमओ से लिखित शिकायत की. लिखित शिकायत के बाद सरकारी अस्पताल के प्रबंधन ने कार्रवाई का भरोसा दिलाया. साथ ही एक टीम गठित कर निजी अस्पताल को सील कर दिया गया. वहीं, दलाल और अस्पताल के कर्मी मौके से फरार हो गए. बताया जा रहा है कि यह कोई नया मामला नहीं है, बल्कि इससे पहले भी कई निजी अस्पताल पर इस प्रकार की कार्रवाई की जा चुकी है. हालांकि इस मामले में अस्पताल के सीएमओ के द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से जिले के निजी अस्पतालों के संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है.
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