नौकरी नहीं इस बड़ी वजह से पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जीता जदयू
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नौकरी नहीं इस बड़ी वजह से पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जीता जदयू

राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से ही महिला सशक्तीकरण की योजनाओं को लागू करते रहे हैं, चाहे साइकिल योजना हो, जिससे समाज में बड़ा परिवर्तन आया. पहले जहां गांव देहात की लड़कियां उच्च शिक्षा की ओर बढ़ नहीं पाती थीं.

नौकरी नहीं इस बड़ी वजह से पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जीता जदयू

पटना :  पीयू ( पटना विश्वविद्यालय) छात्र संघ चुनाव में जदयू ने शानदार जीत हासिल की है, जिसको लेकर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने दावा किया कि राज्य सरकार युवाओं को नौकरी दे रही है, इस वजह से छात्र जदयू के प्रत्याशियों की जीत हुई. ऐसे में सवाल उठता है कि राजद के प्रतिनिधियों की जीत क्यों नहीं हुई, क्योंकि नौकरी देने का कोर इश्यू राजद की ओर से उठाया गया था. हम समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर जदयू के जीत के पीछे की असल वजह क्या रही.

आरक्षण का फायदा
पटना विश्वविद्यालय में 24,343 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, जिनमें 13,373 ने छात्र संघ चुनाव में वोट डाला था. इनमें सबसे ज्यादा वोट पटना वीमेंस कॉलेज, जेडी वीमेंस और मगध महिला जैसे कॉलेजों में पड़े थे. इन कॉलेजों में छात्र जदयू के प्रत्याशियों को सबसे ज्यादा वोट मिले, जिसके पीछे की मुख्य वजह महिला सशक्तीकरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों को बताया जा रहा है. सरकार की ओर से लड़कियों को एमए तक की मुफ्त शिक्षा दी जा रही है, इसके अलावा सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी का आरक्षण दिया जा रहा है, जिसका सबसे ज्यादा फायदा छात्राओं को मिल रहा है.

नीतियों ने जिताया
राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुरू से ही महिला सशक्तीकरण की योजनाओं को लागू करते रहे हैं, चाहे साइकिल योजना हो, जिससे समाज में बड़ा परिवर्तन आया. पहले जहां गांव देहात की लड़कियां उच्च शिक्षा की ओर बढ़ नहीं पाती थीं, लेकिन इस योजना के लागू होने के बाद से स्थिति बदली. लड़कियां साइकिल से स्कूल जानें लगीं, इसके अलावा पोशाक योजना भी अहम है. सबसे अहम सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी का आरक्षण है.

पहले भी मिली जीत 
मगध महिला कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर और जदयू नेता डॉ सुहेली मेहता छात्र जदयू की जीत का श्रेय सरकारी योजनाओं को देती हैं. उनका कहना है कि हम भले जदयू से जुड़े हैं, लेकिन जीत के पीछे की असल वजह राज्य सरकार की नीतियां हैं, जिनसे बेटियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है. ये नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री बनने के बाद ही हुआ. यही वजह है कि 2018 के चुनाव में जदयू ने पीयू के अध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की थी. 2019 में जीते दिव्यांशु भरद्वाज बाद में जदयू में शामिल हो गये. अभी छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष हैं.
 
ललन सिंह का दावा
हालांकि जदयू अध्यक्ष ललन सिंह ने पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के नतीजों को केंद्र और राज्य सरकार की नौकरी देने की नीति का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई में चल रही सरकार ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन उसमें सरकार फेल रही. इसी का नतीजा है कि युवा केंद्र सरकार से नाराज हैं और उन्होंने छात्र संघ चुनाव में अपने गुस्से का इजहार किया है.
 
नौकरी ने जिताया 
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि बिहार सरकार युवाओं के रोजगार को लेकर सजग है. लगभग हर दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नियुक्ति पत्र बांट रहे हैं. जिससे युवाओं में उम्मीद जगी है. राज्य सरकार की ओर से युवाओं को नौकरी देने की दिशा में लगातार काम भी किया जा रहा है. इसको युवा समझ रहे हैं. इसी वजह से छात्र जदयू के प्रतिनिधियों को छात्र संघ चुनाव में सफलता मिली है. 

राजद को सफलता क्यों नहीं?
अगर जदयू अध्यक्ष ललन सिंह की बात को सही मान लिया जाये, तो राजद की ओर से भी पटना विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में उम्मीदवार उतारे गये थे, लेकिन उनको सफलता नहीं मिली, जबकि युवाओं को सरकारी नौकरी देने का मूल आइडिया ही राजद की ओर से लाया गया है. इसी मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद समेत महागठबंधन के दलों ने चुनाव लड़ा था और जब महागठबंधन की सरकार बनी, तो युवाओं को नौकरी और रोजगार देने की चर्चा शुरू हुई. नियुक्ति पत्र बंटने शुरू हुए, जिन्हें राजद के नेता अपनी सरकार की उपलब्धि बता रहे हैं. 

सिर्फ एक वजह नहीं
राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार का कहना है कि जदयू की ओर से भले ही दावा किया जा रहा है, लेकिन छात्र संघ चुनाव में जीत वजह नौकरी देना नहीं है. इसको पूरे परिपेक्ष में देखे जाने की जरूरत है. अगर नौकरी का मुद्दा होता, तो इसे लेकर राजद नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अभियान चलाया था, जिसे महागठबंधन की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने माना. नौकरी राजद का कोर इश्यू रहा है, इसलिए सिर्फ इसको वजह नहीं मान सकते हैं. 

कन्या उत्थान योजना वजह
बिहार सरकार की ओर से सरकारी नौकरियों में महिलाओं को सिर्फ आरक्षण ही नहीं दिया जा रहा है. बच्चियों के पैदा होने के समय से उन्हें सरकारी योजनाओं को लाभ दिया जाता है. इसके लिए कन्या उत्थान योजना सरकार की ओर से चलायी गयी है, जिसमें बच्चियों को स्नातक होने तक 50 हजार से ज्यादा की मदद सरकार की ओर से दी जाती है. इसके अलावा यूपीएससी और बीपीएससी की तैयारी करनेवाली छात्राओं को अलग से मदद दी जाती है. अगर किसी छात्रा ने यूपीएससी में प्राथमिक परीक्षा पास की, तो उसे एक मुश्त एक लाख की मदद दी जाती है, बीपीएससी की प्री परीक्षा पास करने पर 50 हजार की मदद सरकार की ओर से दी जाती है.

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