Jharkhand Budget: युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार को प्राथमिकता, जनता पर कोई बोझ नहीं डालेगी सरकार
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Jharkhand Budget: युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार को प्राथमिकता, जनता पर कोई बोझ नहीं डालेगी सरकार

Jharkhand Budget: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड सरकार के बजट में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने से जुड़ी योजनाओं और प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी.

हेमंत सोरेन

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में 'मईयां सम्मान योजना' सहित अन्य कल्याणकारी और विकास योजनाओं के लिए राशि जुटाना बड़ी चुनौती जरूर है, लेकिन हमारी सरकार इसके लिए राज्य के लोगों पर किसी तरह का अतिरिक्त बोझ नहीं डालेगी. सरकार अपने आंतरिक संसाधनों के जरिए आवश्यक राशि जुटाएगी. मुख्यमंत्री मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में वर्ष 2025-26 के राज्य बजट के निर्माण के पूर्व विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ विमर्श के लिए आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने स्पष्ट किया कि इस वर्ष के बजट में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के ज्यादा से ज्यादा अवसर उपलब्ध कराने से जुड़ी योजनाओं और प्रयासों को प्राथमिकता दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जो क्षतिपूर्ति राशि दी जाती थी, वह अब बंद हो चुकी है. इसके बाद से राज्यों को वित्तीय प्रबंधन के लिए पूरी राशि खुद जुटानी पड़ती है. हमारी सरकार ने बीते वर्षों में अपने संसाधनों का उपयोग कर विकास के विभिन्न सूचकांकों पर उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं. कुछ सूचकांक तो ऐसे हैं, जिनमें झारखंड पूरे देश में पहले नंबर पर है.

राज्य की आर्थिक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हम खनिज संपदाओं के मामले में संपन्न हैं, लेकिन इसके बावजूद इस सच्चाई को स्वीकार करना चाहिए कि पिछले दो दशकों में हमारा राज्य विकास के मामले में पिछड़ा रह गया है. उन्होंने कहा कि हमारी खनिज संपदाएं देश की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार हैं, लेकिन इसके बावजूद अपने राज्य के विकास के लिए संसाधन कम पड़ते हैं. हमारा उद्देश्य वैसी दूरगामी योजनाएं बनाना और उन्हें धरातल पर उतारना है, जिनका लाभ आने वाली पीढ़ियों को भी मिले.

उन्होंने 'मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना' का उल्लेख करते हुए कहा कि यह महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम साबित हुआ है. संगोष्ठी को संबोधित करते हुए राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि विगत पांच वर्षों में राज्य ने मजबूत वित्तीय प्रबंधन का उदाहरण पेश किया है. राजकोषीय घाटे की जो सीमा निर्धारित है, हमारा राज्य उस सीमा से बहुत नीचे है। 2024 में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण कई महीनों तक आचार संहिता लागू रहने के बावजूद हमारी सरकार ने दिसंबर महीने तक राजस्व वसूली का 54 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है.

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संगोष्ठी को अर्थशास्त्री डॉ. हरीश्वर दयाल, मुख्य सचिव अलका तिवारी के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने संबोधित किया और बजट को लेकर सरकार को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए. कार्यक्रम में बजट के लिए पोर्टल पर बेहतरीन सुझाव देने वाले राज्य के कई नागरिकों को पुरस्कार और सम्मान भी दिए गए.

इनपुट- आईएएनएस

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