बिहार के सीएम रहते लालू यादव चारा घोटाले में फंस गए थे. यह फंदा इतना कसा कि उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई और जेल भी जाना पड़ा. जेल में ही उनकी एक किडनी खराब हो गई थी.
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Lalu Prasad Yadav Atal Bihari Vajpayee Connection: वैसे तो राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं है लेकिन राजद के सुप्रीम नेता अगर भाजपा के किसी प्रधानमंत्री की तारीफ करें तो यह बात किसी के गले नहीं उतरेगी. हालांकि आपको यह भी जानना चाहिए की लालू प्रसाद यादव बिहार में सीएम भाजपा के समर्थन से ही बने थे लेकिन समय के साथ दोनों पार्टियों में खाई इतनी बढ़ती गई की इसको पाट पाना संभव नहीं है.
आपको बता दें कि भाजपा के साथ राजद का तालमेल हो यह तो संभव ही नहीं लेकिन एक ऐसा मौका भी आया जब लालू यादव ने अटल बिहारी वाजपेयी की जमकर तारीफ की. वजह जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे. लालू यादव बिहार के सीएम रहते चारा घोटाले में फंस गए. हालांकि यह फंदा इतना कसा कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता तक गंवानी पड़ी. चुनाव लड़ने पर भी रोक लग गई. लालू यादव जेल पहुंच गए और तब वह काफी अस्वस्थ थे. उनका शुगर काफी बढ़ा हुआ था और एक किडनी फेल. ऐसे में उनके लिए मुसीबत कम होने का नाम कहां ले रही थी.
चारा घोटाले के जिन मामलों में लालू यादव को सजा हुई उसकी पूरी जांच जो सीबीआई की टीम कर रही थी उसका नेतृत्व यूएन विश्वास कर रहे थे. वह इस घोटाले की जांच करनेवाले प्रमुख अधिकारी थे. तब वह सीबीआई के ज्वाइंट डायरेक्टर थे. तब सीबीआई के शिकंजे में 950 करोड़ के चारा घोटाला मामले में लालू यादव और जगन्नाथ मिश्रा आ गए. हालांकि लालू यादव कहते रहे कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है.
लालू यादव ने एक मीडिया कॉन्कलेव में इस बारे में बताया था कि जिस सीबीआई अधिकारी यूएन विश्वास ने उन्हें इस मामले में फंसाया उन्हें राज्यपाल बनाया जा रहा था. तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे. बता दें कि लालू यादव दुमका में थे और उन्हें इस बात की भनक लगी कि यूएन विश्वास को गर्वनर बनाया जाना है. उनको यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी को फोन मिला दिया.
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उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से यूएन विश्वास के गर्वनर बनाए जाने की खबर पर खासी आपत्ति जताई. तब अटल बिहारी वाजपेयी ने लालू यादव से पूछा था कि आपको मेरे घर की खबर कैसे मिल जाती है. यूएन विश्वास को गर्वनर बनाए जाने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई. यूएन विश्वास फिर सक्रिय राजनीति में आए टीएमसी से विधायक भी बने लेकिन गर्वनर नहीं बनाए गए. लालू यादव इससे खूब खुश हुए और उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ करते हुए कहा था कि उनकी जितनी भी पूजा की जाए कम है.