कैमूर पहुंचे राजद प्रवक्ता ने सुधाकर सिंह के इस्तीफे पर की टिप्पणी, कहा- दिशाहीन लोग
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कैमूर पहुंचे राजद प्रवक्ता ने सुधाकर सिंह के इस्तीफे पर की टिप्पणी, कहा- दिशाहीन लोग

कैमूर जिले के सर्किट हाउस पहुंचे भाई बिरेंद्र से सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कोई किसी से जबरदस्ती इस्तीफा नहीं ले सकता है. अगर कोई स्वेच्छा से इस्तीफा देता है तो उसे मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल स्वीकार करती है.

कैमूर पहुंचे राजद प्रवक्ता ने सुधाकर सिंह के इस्तीफे पर की टिप्पणी, कहा- दिशाहीन लोग

कैमूरः कैमूर पहुंचे राजद के प्रवक्ता भाई बिरेंद्र ने सुधाकर सिंह के मामले पर कहा कि वह दिशाहीन हो गए हैं लोग हैं. सरकार में रहते हुए सबको मर्यादा में रहकर ही टीका टिप्पणी करनी चाहिए. मर्यादा में सबको रहना है जो मर्यादा की सीमाएं लांघते हैं उनको सरकार से विदा हो जाना पड़ता है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब आप विधायक थे तो यह सवाल उठा नहीं रहे थे और मंत्रिमंडल में शामिल होते ही अपने कौन सा सवाल उठाना शुरू कर दिए.  अगर कुछ था तो आप मंत्रिमंडल में नहीं उठाकर माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर भी बात कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बारे में कही ये बात
कैमूर जिले के सर्किट हाउस पहुंचे भाई बिरेंद्र से सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कोई किसी से जबरदस्ती इस्तीफा नहीं ले सकता है. अगर कोई स्वेच्छा से इस्तीफा देता है तो उसे मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल स्वीकार करती है. इस्तीफा देने के लिए किसी ने उनको मजबूर नहीं किया है. सरकार में रहकर किसी को भी सरकार के खिलाफ में नहीं बोलना चाहिए. एक मर्यादा होती है. मर्यादा में हमको भी रहना है और सरकार के मंत्री को भी रहना है. अगर मर्यादा को पार कीजिएगा तो अपने आप आपको विदा हो जाना पड़ता है. 

कहा- दिशाहीन लोग
उन्होंने जो भी आवाज उठाई मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वह विरुद्ध था. मैं यह कह रहा हूं कि जब आप विधायक थे तो सवाल आप उठा नहीं रहे थे. मंत्रिमंडल में शामिल होते ही आप कौन सा सवाल उठाना शुरू कर दिये. यह तो आप मंत्रिमंडल में नहीं उठा कर मुख्यमंत्री से भी मिलकर बात कर सकते थे, लेकिन कहीं ना कहीं लगता है कि दिशाहीन लोग हो गए हैं. जिससे भटकने का कारण है यह और दूसरा कोई कारण नहीं है. मैं सभी के लिए कह रहा हूं कि मंत्रिमंडल में शामिल होकर उसके खिलाफ बोलने का अधिकार किसी को नहीं है . कौन क्या बोलता है उसका जवाब देना उचित नहीं है.

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