Aparajita Flower: अपराजिता के फूल के कई औषधीय गुण हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. प्राचीन समय में जब बुखार की समस्या आम थी, आयुर्वेदिक चिकित्सक इसकी जड़ को कमर पर बांधने की सलाह देते थे. इस उपाय से बुखार में राहत मिलती थी और शरीर को ठंडक भी मिलती थी.
अपराजिता के फूल जिनका आकार गाय के कान जैसा होता है, न केवल अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं बल्कि आयुर्वेद में इसके औषधीय गुणों के कारण भी बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. नेचुरोपैथी एक्सपर्ट प्रीतिका मजूमदार के अनुसार इसकी जड़ माइग्रेन और सिर दर्द में तुरंत राहत देती है.
अपराजिता के फूल के अद्भुत औषधीय गुणों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. प्राचीन समय में जब बुखार की समस्या आम थी, आयुर्वेदिक चिकित्सक इसकी जड़ को कमर पर बांधने की सलाह देते थे. इस उपाय से बुखार में राहत मिलती थी और शरीर को ठंडक मिलती थी.
अपराजिता के फूलों के अनेक टोटके होते हैं, जो लोगों के जीवन में चमत्कारी बदलाव ला सकते हैं. एक प्राचीन उपाय के अनुसार सफेद दाग की समस्या से छुटकारा पाने के लिए इसकी जड़ को पीसकर प्रभावित स्थान पर लेप लगाया जाता है. समय के साथ, यह दाग धीरे-धीरे मिटने लगते हैं.
पब्लिक एक्सपर्ट वीके मोंगा ने बताया कि अपराजिता के फूल का आकार गाय के कान जैसा होता है, जिस कारण इसे गुजराती में "गोकरणी" भी कहा जाता है. आयुर्वेद में इसे विशेष महत्व दिया गया है, क्योंकि इसकी जड़ को कान पर बांधने से सिर दर्द और माइग्रेन में तुरंत राहत मिलती है इसके पत्तों का उपयोग घावों पर करने से इंफेक्शन का खतरा नहीं होता और घाव जल्दी ठीक होते हैं.
अपराजिता के फूल का केवल स्वास्थ्य से ही नहीं, बल्कि धन के मामले में भी बड़ा महत्व है. इसे लेकर एक प्राचीन मान्यता है कि इसकी जड़ की भस्म का उपयोग करने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होता है. इसे मक्खन में डालकर पथरी के इलाज के लिए चावल के पानी के साथ लिया जाता है. इस उपाय से न केवल शारीरिक लाभ मिलता है, बल्कि जीवन में पैसों का अभाव भी दूर होता है.
अपराजिता के फूल का असर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि यह कई बीमारियों को भी दूर करता है. खासकर पेट दर्द की समस्या में इसका विशेष लाभ होता है. इसके 1 से 2 बीज भुनकर खाने से पेट में आराम मिलता है और दर्द जल्दी ठीक हो जाता है. यह सरल और प्रभावी उपाय है जो कई लोगों को राहत देता है.
अपराजिता के फूल का असर न केवल शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि यह कई बीमारियों को भी दूर करता है. खासकर पेट दर्द की समस्या में इसका विशेष लाभ होता है. इसके 1 से 2 बीज भुनकर खाने से पेट में आराम मिलता है और दर्द जल्दी ठीक हो जाता है. यह सरल और प्रभावी उपाय है जो कई लोगों को राहत देता है.
अपराजिता के फूल के औषधीय गुणों का उपयोग कई गंभीर समस्याओं में किया जाता है. माइग्रेन से छुटकारा पाने के लिए इसकी जड़ का उपयोग फायदेमंद होता है. इसके अलावा फोड़ा-फुंसी में इसकी जड़ को सिरके के साथ 10 ग्राम मात्रा में लेने से राहत मिलती है. कान दर्द में इसके पत्तों का लेप कान की बूट पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है.
अपराजिता के फूल से पेट दर्द में आराम मिलता है. इसके अलावा, आवाज बैठ जाने और गला खराब होने पर इसके पत्तों का गोमूत्र में मिलाकर कुल्ला करने से लाभ होता है. यह औषधि प्राकृतिक रूप से शरीर को राहत पहुंचाने में मदद करती है, खासकर जब घरेलू उपचारों की आवश्यकता होती है.
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