सीवान में नीलगायों का कहर, फसलों को बचाने के लिए किसान कर रहे रतजगा
Advertisement
trendingNow0/india/bihar-jharkhand/bihar2572933

सीवान में नीलगायों का कहर, फसलों को बचाने के लिए किसान कर रहे रतजगा

Siwan Farmers: किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत और खर्च सब बेकार हो रहा है. एक किसान ने बताया कि जैसे ही फसल तैयार होती है, नीलगाय आकर सब नष्ट कर देती हैं. इस डर से उन्हें रात-रात भर जागना पड़ता है, ताकि सुबह तक उनकी फसल बची रह सके.

सीवान में नीलगायों का कहर, फसलों को बचाने के लिए किसान कर रहे रतजगा

सीवान: सीवान जिले में इन दिनों नीलगायों का आतंक किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गया है. नीलगायों के झुंड खेतों में घुसकर मेहनत से उगाई गई फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. यह समस्या दिन-रात किसी भी समय देखी जा सकती है. आंदर प्रखंड के खेतों में नीलगायों की वजह से गेहूं, मक्का और अन्य फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो रही हैं.

किसानों का कहना है कि जैसे ही फसलें पकने लगती हैं या उनमें फूल आने लगते हैं, नीलगायें उन्हें अपना निवाला बना लेती हैं. केवल खाने से ही नुकसान नहीं होता, बल्कि उनके पैरों से कुचली गई फसलें भी नष्ट हो जाती हैं. फसलों को बचाने के लिए किसानों को अब रात-रातभर जागकर पहरा देना पड़ रहा है. कुछ किसान खेतों के चारों ओर जाल लगाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन यह उपाय महंगा और हर किसी के लिए संभव नहीं है.

नीलगायों के आतंक का असर केवल एक गांव तक सीमित नहीं है. आसपास के अन्य प्रखंडों और गांवों में भी यही स्थिति है. किसानों का कहना है कि उनकी मेहनत और लागत पर पानी फिर रहा है. एक किसान ने बताया कि फसल तैयार होते ही नीलगायें आकर सब बर्बाद कर देती हैं. हमें यह सोचकर रातों की नींद हराम करनी पड़ रही है कि सुबह तक खेतों में कुछ बचा भी रहेगा या नहीं.

किसानों ने वन विभाग और जिला प्रशासन से इस समस्या का समाधान निकालने की मांग की है. उनका कहना है कि नीलगायों को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं. किसानों का सुझाव है कि नीलगायों को पकड़कर अन्य सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा जाए या उनके रोकथाम के लिए आधुनिक उपाय किए जाएं. कृषि पर निर्भर इन किसानों के लिए यह समस्या आजीविका पर बड़ा संकट खड़ा कर रही है. फसल नष्ट होने से उनकी आर्थिक स्थिति और खराब हो रही है. सरकार और प्रशासन से उम्मीद की जा रही है कि वे जल्द इस मुद्दे पर ध्यान देंगे और किसानों को राहत प्रदान करेंगे. किसानों की मेहनत और फसलों को बचाने के लिए अब हर किसी को मिलकर प्रयास करना होगा, ताकि उनकी जीविका पर मंडरा रहा यह खतरा समाप्त हो सके.

इनपुट - अमित सिंह

ये भी पढ़िए -  Projects in Bihar: मार्च 2025 तक शुरू हो सकता है पटना-आरा-सासाराम फोरलेन का निर्माण

Trending news