Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म मामला टूल पकड़ता जा रहा है. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि यह घटना दुखद है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वहां की सरकार को एक्शन लेना चाहिए था, लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है.
Trending Photos
पटना: Kolkata Rape-Murder Case: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म मामले में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि यह बहुत ही दुखद है कि अभी तक वहां की सरकार ने इस मामले में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की है. मांझी ने अपने बयान में कहा, “यह घटना दुखद है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. वहां की सरकार को एक्शन लेना चाहिए था, लेकिन अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. कल इस संबंध में दिल्ली में चर्चा हुई. स्थिति ऐसी बन चुकी है कि केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है. राज्य सरकार इस पूरे मामले में पूरी तरह से विफल रही है.”
गौरतलब है कि पिछले दिनों 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल की महिला डॉक्टर रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाई गई थी. वह अस्पताल में स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा थीं और हाउस स्टाफ के रूप में भी काम कर रही थीं. अस्पताल के कर्मचारियों ने अस्पताल की आपातकालीन बिल्डिंग की चौथी मंजिल पर उनका शव देखा था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मामले को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में ले जाने के निर्देश दिए हैं.
उन्होंने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी तो आरोपियों को फांसी की सजा दी जाएगी. आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी इस घटना पर तल्ख टिप्पणी की और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को शनिवार सुबह कोलकाता के साल्ट लेक कार्यालय में फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है. वो वहां पहुंच चुके हैं.
इससे पहले शुक्रवार को भी उनसे कई घंटों तक पूछताछ की गई. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि पीड़ित महिला डॉक्टर के परिवार के सदस्यों ने सीबीआई के अधिकारियों को बताया कि उनकी बेटी ने शिकायत की थी कि उस पर अनावश्यक दबाव डाला जाता है और उसे अक्सर ज्यादा देर तक ड्यूटी पर रखा जाता था. सूत्रों ने बताया कि घोष से पूछताछ कर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या घोष को आरजी कर के तत्कालीन प्रिंसिपल के रूप में इस तरह के घटनाक्रम की जानकारी थी और यदि थी तो क्या उन्होंने व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कदम उठाया.
इनपुट- आईएएनएस के साथ