रामनवमी पर हुई हिंसा के दो दिन बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने एक इफ्तार पार्टी में शिरकत की थी. इस इफ्तार पार्टी में मंच पर जो पोस्टर लगाया गया था, उसमें लालकिला बनाया गया था.
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Nitish Kumar Iftar Party: बिहार में रामनवमी पर हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी को लेकर सवाल उठ रहे हैं. बीजेपी लगातार हमलावर है. भगवा पार्टी इसे ध्रुवीकरण की राजनीति बता रही है. पार्टी की ओर से अब इस मामले पर एक पोस्टर जारी करके नीतीश कुमार पर वार किया गया है. पोस्टर में नीतीश कुमार को जालीदार गोल टोपी यानी मुस्लिम टोपी पहने हुए दिखाया गया है. पोस्टर में बीजेपी ने एक भविष्यवाणी भी की है.
पोस्टर में लिखा गया है कि मौलाना टोपी पहनकर PM का सपना देखने वाले इस बार शून्य पर आउट हो जाएंगे. जानकारी के मुताबिक बीजेपी दफ्तर के बाहर इस पोस्टर को पार्टी नेता लव कुमार सिंह रूद्र ने एक पोस्टर लगाया है. पोस्टर में लिखा गया कि हनुमान जी दुष्टों का नाश करते हैं और भाजपा भ्रष्टाचार को खत्म करती है. इसके अलावा लिखा है 2024 में एक बार फिर से मोदी सरकार...
हिंसा के बाद इफ्तारी पर सवाल
बता दें कि रामनवमी पर हुई हिंसा के दो दिन बाद ही सीएम नीतीश कुमार ने एक इफ्तार पार्टी में शिरकत की थी. इस इफ्तार पार्टी में मंच पर जो पोस्टर लगाया गया था, उसमें लालकिला बनाया गया था. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने इस पर नीतीश पर तंज कसते हुए कहा था कि बिहार दंगों की आग में झुलस रहा है और नीतीश कुमार मौलाना टोपी पहनकर इफ्तार पार्टी का जश्न मना रहे हैं.
कांग्रेस नेता ने भी किया विरोध
सासाराम और बिहार शरीफ में दंगों के बाद नीतीश कुमार की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी का बीजेपी ही नहीं बल्कि सरकार में सहयोगी कांग्रेस पार्टी ने भी विरोध किया है. बिहार कांग्रेस के दिग्गज नेता आजमी बारी ने कहा कि मुसलमानों के जख्म पर मरहम रखने की जरूरत है न कि इफ्तार पार्टी की. उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का विरोध करते हुए नहीं गया था.
महागठबंधन में दरार के संकेत
इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा कि जेडीयू और आरजेडी के द्वारा जो इफ्तार पार्टी आयोजित की जा रही है उसका विरोध करता हूं. उन्होंने कहा कि सिर्फ मैं ही नहीं खानकाह और देश की बड़ी संस्था इमारत शरिया ने भी मुख्यमंत्री की इफ्तार पार्टी का विरोध किया है. आजम बारी के इस बयान से महागठबंधन में दरार साफ दिखाई दे रही है और इससे नीतीश कुमार का पीएम बनने का सपना भी चकनाचूर होता दिख रहा है.