Samastipur Suicide: नित्यनानंद राय ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मौत हत्या हो या खुदकुशी, बहुत ही दुःखद घटना है. सारी रिपोर्ट आने के बाद सभी चीजें स्पष्ट होगी.
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Samastipur: बिहार के समस्तीपुर के विद्यापतिनगर में मृतक मनोज झा के यहां हुई घटना को लेकर सोमवार को उसके घर पर पूरे दिन जनप्रतिनिधियों का तांता लगा रहा. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यनानंद राय, भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भाटाचार्य, जन अधिकार पार्टी के संयोजक पप्पू यादव ने मृतक परिवार से मिलकर घटना की जानकारी ली और मामले की उच्च स्तरीय जांच का मदद का भरोसा दिया.
मीडिया से बातचीत करते हुए नित्यनानंद राय ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि मौत हत्या हो या खुदकुशी, बहुत ही दुःखद घटना है. सारी रिपोर्ट आने के बाद सभी चीजें स्पष्ट होगी. वहीं, जन अधिकार पार्टी के संयोजक पप्पू यादव ने इस घटना को लेकर सिस्टम को जिम्मेवार ठहराया.
पप्पू यादव ने बढ़ाया मदद का हाथ
पप्पू यादव ने कहा कि नोटबंदी, जीएसटी और महंगाई के कारण ही आज लोगों की स्थिति खराब हुई है. पप्पू यादव ने मामले की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है. साथ ही उन्होंने अपनी तरफ से 50 हजार रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की.
'किसानों और छोटे व्यवासियों का कर्ज माफ हो'
इधर, मृतक परिजन से मिलने पहुंचे भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भटाचार्य ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि देश के अंदर जिस तरह से बेरोजगारी, महंगाई बढ़ रही है, ऐसे में छोटे रोजगार करने वाले और किसानों पर जिन्होंने कर्ज ले रखा है उनपर कर्ज चुकता करने को लेकर दबाब बनाया जा रहा है. उसी का परिणाम है कि मनोज झा ने पूरे परिवार के साथ खुदखुशी कर ली.
उन्होंने मांग किया कि सरकार को एक नीति बनाकर किसानों और छोटे व्यवसायी के कर्ज को माफ करे.
अब तक दर्ज नहीं हुई एफआईआर
वहीं, हैरानी की बात ये है कि घटना के 24 घंटे बीतने के बाद इस मामले में अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नही हो सकी है. पुलिस की दलील है कि पीड़ित परिवार के तरफ से अब तक लिखित शिकायत नहीं दी गई है. पीड़ित परिवार की ओर से आवेदन मिलते ही कार्रवाई की जायेगी.
हत्या या आत्महत्या?
इधर, परिवार और स्थानीय लोगों की तरफ से घटना की वजह आर्थिक तंगी और कर्ज बताई जा रही है. पीड़ित परिजन का कहना है कि मृतक मनोज ने एक समूह से बेटी की शादी के वक्त 3 लाख रुपये कर्ज लिए थे, जिसके लिए उनपर लगातार दबाब बनाया ज रहा था. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. परिजन इसे आत्महत्या नहीं हत्या बता रहे हैं और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है.
(इनपुट-संजीव नैपुरी)