Sambhal Shahi Masjid: संभल की शाही मस्जिद को लेकर काफी विवाद हो रहा है. हिंदू संगठन मस्जिद पर रंग कराने का विरोध कर रहा है और मांग कर रहा है कि मस्जिद पर पुताई की इजाजत न दी जाए.
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Sambhal Shahi Masjid: संभल की शाही मस्जिद का विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब हिंदू संगठनों मे मार्च निकाला है और मस्जिद की टूट-फूट और रंगाई-पुताई की परमिशन नहीं दी जाने की बात की है. संगठन ने सीएम योगी को संबोधित ज्ञापन सी ओ अनुज चौधरी को सौंपा है. जिसमें उनसे कार्रवाई की मांग की गई है. आइये जानते हैं कि पूरा मामला क्या है?
संभल जामा मस्जिद की पुताई कराने को लेकर मस्जिद कमेटी की तरफ से आर्कियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया को खत लिखा गया है. जिसमें मस्जिद की कंडीशन का जिक्र किया गया है और मांग की गई है कि मस्जिद में रंग कराने की इजाजत दी जाए. इसी मामले को लेकर हिंदू संगठन सामने आए हैं और उन्होंने मस्जिद कमेटी और उसके खत का विरोध किया है.
हिंदू संगठनों का कहना है कि मस्जिद में रंग कराने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. रंग के नाम पर मस्जिद के अंदर सबूतों से छेड़छाड़ की जा सकती है. सनातन सेवक संघ की तरफ से तहसीलदार को इस मामले में ज्ञापन सौंपा गया है. सनातन सेवक संघ के जिलाध्यक्ष की अगुवाई में कार्यकर्ता संभल तहसील पहुंचे थे.
संघ का कहना है कि यह पहले हिंदू मंदिर हुआ करता था. साल 1974 तक कैंपस में भजन कीर्तन हुआ करते थे. लेकिन, उस दौरान सांसद बर्क ने भजन कीर्तन को बंद करवा दिया. अगर यहां पुताई हुई तो विवादित जगह से छेड़छाड़ हो सकती है.
दरअसल हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही मस्जिद को मंदिर को तोड़कर बनाया गया था. मुगल काल में यह हरिहर मंदिर हुआ करता था, जिसे तोड़ा गया और फिर मस्जिद बनाई गई. वहीं मुस्लिम पक्ष इस दावे को सिरे से नकारता है और मस्जिद का पूरा इतिहास पेश करता. अभी ये मामला कोर्ट में है.