नई दिल्ली. बंद हो गए भारत के दरवाजे. एक तीर से भारत ने किये हैं चार-चार शिकार. भारत के खिलाफ साजिश में लगे बाकी पड़ोसी देशों के लिए भी अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाज़ार इन देशों के लिए अपने दरवाजे बंद कर चूका है. और दुनिया के बाकी देशों के लिए यह दुनिया का पहला सबसे बड़ा बाज़ार बन गया है क्योंकि चीन अब बाज़ार नहीं साजिश का मैदान है.
सीमा पर तनातनी ने उठवाया कदम
भारत चीन के खिलाफ इस तरह सीधी तौर पर शायद कभी न आता किन्तु लद्दाख में तनाव करके चीन ने भारत को मजबूर कर दिया कि अब वह जो सोचे वो कहे और जो कहे वो करे. भारत ने सीधे तौर पर वो सबसे कठोर कदम उठा लिया जिसके लिए आज बिलकुल सही समय है.
पड़ोसियों को करना होगा पंजीयन
अब भारत सरकार ने भारतीय कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए पड़ोसी देशों की लगाम पूरी तरह से कस डाली है. अब जब भी सरकारी कॉन्ट्रैक्ट निकलेगा तो कोई भी पड़ोसी देशों से आने वाली कम्पनी के लिए ये लक्ष्मण रखा पार करनी असम्भव ही होगी. सरकार द्वारा लागू किये गए नए नियमों के अनुसार सरकारी कॉन्ट्रैक्ट के लिए अब पड़ोसी देशों के बिडर्स को अपना पंजीयन कराना अनिवार्य होगा जिसके बाद उन्हें लेनी होगी सिक्योरिटी क्लियरेंस भी.
राष्ट्रीय सुरक्षा को किया गया मजबूत
चूंकि वैश्विक तौर पर एक सज्जन रहवासी राष्ट्र का दायित्व निर्वाह करना भारत ने हमेशा अपना कर्तव्य माना है इसलिए भारत सरकार ने इन नियमों में परिवर्तन करने के बाद अपने वक्तव्य में इसकी कैफियत भी दी है. अपने वक्तव्य में मोदी सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह निर्णय भारत की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा को सशक्त करने के दृष्टिकोण से लिया गया है. यद्यपि भारत ने किसी का नाम नहीं लिया फिर भी माना जा सकता है म्यांमार और भूटान को भारत के साथ अपने व्यापार को लेकर चिंता करने की आवश्यकता न होगी.
ये भी पढ़ें. कोरोना की हैटट्रिक: तीसरी बार कोरोना ब्राजील के राष्ट्रपति को