नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर उनसे वरिष्ठ नागरिकों को रेलवे की ओर से दी जाने वाली किराया रियायतें बहाल करने का अनुरोध किया है. केजरीवाल ने पिछले शनिवार को प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र का बजट 45 लाख करोड़ रुपये का है और अगर वरिष्ठ नागरिकों को रियायतें दी जाती हैं तो इस पर 1600 करोड़ रुपये का व्यय होगा.
राशि बचाने से अमीर नहीं होगी सरकार
उन्होंने इस राशि को ‘सागर में एक बूंद’ करार देते हुए कहा कि यह राशि खर्च नहीं करने से सरकार अमीर नहीं बन जाएगी. उन्होंने कहा कि सुविधाएं बंद करने से वरिष्ठ नागरिकों को यह संदेश मिल रहा है कि सरकार को उनकी परवाह नहीं है, जो देश की संस्कृति के खिलाफ है.
बुजुर्गों के आशीर्वाद के बिना नहीं हो सकता विकास
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के आशीर्वाद के बिना कोई व्यक्ति, समाज या देश विकास नहीं कर सकता है. केजरीवाल ने कहा कि उन बुजुर्गों के आशीर्वाद से दिल्ली में सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है और उनकी सरकार ने बुजुर्गों के लिए धार्मिक स्थलों की मुफ्त यात्रा की व्यवस्था की है.
कोरोना के दौरान बंद की गई थीं रियायतें
केंद्र सरकार ने 2020 में कोविड-19 पर काबू के लिए लोगों की आवाजाही को हतोत्साहित करने की खातिर वरिष्ठ नागरिकों को मिल रही रियायतों को बंद कर दिया था. हाल ही में एक संसदीय समिति ने रेलवे की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली किराया रियायतें को फिर से शुरू करने की सिफारिश की है.
वरिष्ठ नागरिकों को ट्रेन किराये में मिलने वाली छूट
भारतीय रेलवे की ओर से ट्रेन किरायों में 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों को किराए में 40 प्रतिशत एवं 58 साल से अधिक आयु की महिलाओं को 50 प्रतिशत की छूट दी जाती थी. ये रियायतें 20 मार्च, 2020 को वापस ले ली गई थीं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली रेलवे की स्थायी संसदीय समिति ने कहा है कि रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कोविड की स्थिति अब सामान्य हो गई है और राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने अपनी सामान्य स्थिति हासिल कर ली है.
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