नई दिल्ली: विश्व स्तनपान सप्ताह (WBW) स्तनपान को बढ़ावा देने और शिशुओं, माताओं के स्वास्थ्य के लिए स्तनपान के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 1-7 अगस्त तक मनाया जाता है. विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 का विषय है "स्तनपान को बढ़ावा देना: कामकाजी माता-पिता के लिए बदलाव लाना." इस विषय को इसलिए चुना गया क्योंकि कामकाजी महिलाओं द्वारा कभी स्तनपान न कराने, कम समय तक स्तनपान करवाने या स्तनपान बंद करने जैसी समस्याएं आम कारण बनी हुई हैं. कामकाजी महिलाओ को स्तनपान कराने के लिए ज्यादा समय और मदद की जरूरत होती है, और काम के क्षेत्र में यह कई तरह के बदलाव लाता है.
WBW 2023 का उद्देश्य
1. नवजात शिशु के स्तनपान और पालन-पोषण पर कामकाजी माता-पिता को आने वाली समस्याओं के बारे में लोगों को सूचित करना.
2. स्तनपान के लिए साधन और महिलाओ की मेटरनिटी लिव (maternity leave ) बढ़ाने जैसी सरकारी योजनाओं पर काम करना.
3. काम के क्षेत्र मे कंपनियों द्वारा स्तनपान के लिए अलग कमरे और सहयोगी देना.
4. जॉब की टाइमिंग में सुधार और ऑफिस मे स्तनपान के समय आने वाली समस्याओं पर कड़ी कार्रवाई.
विश्व स्तनपान सप्ताह (WBW) का इतिहास
विश्व स्तनपान सप्ताह (WBW) पहली बार 1992 में वर्ल्ड अलायंस फॉर ब्रेस्टफीडिंग एक्शन (WABA) द्वारा इनोसेंटी डिक्लेरेशन की याद में लॉन्च किया गया था, जिसे 1990 में WHO और यूनिसेफ द्वारा अपनाया गया. इनोसेंटी घोषणा दुनिया भर में स्तनपान की सुरक्षा, प्रचार और समर्थन के लिए कार्रवाई का आह्वान है.
WBW माताओं और शिशुओं के लिए स्तनपान के फायदों के बारे में जागरूक करने और उन सामाजिक और सांस्कृतिक बाधाओं को चुनौती देने का समय है जो महिलाओं को स्तनपान कराने से रोक सकते हैं. अभियान का उद्देश्य स्तनपान कराने वाली माताओं को सहायता और संसाधन प्रदान करना भी है.
विश्व स्तनपान सप्ताह (WBW) की थीम
विश्व स्तनपान सप्ताह 2023 का विषय है "स्तनपान को सक्षम बनाना: कामकाजी माता-पिता के लिए बदलाव लाना." यह विशेषकर कामकाजी माता-पिता के लिए स्तनपान के लिए एक अच्छा वातावरण बनाने जैसी बातो पर रोशनी डालता है.
जब स्तनपान की बात आती है तो कामकाजी माता-पिता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे मातृत्व अवकाश (maternity leave ) की कमी, स्तनपान (breastfeeding ) अवकाश और सुविधाओं तक पहुंच की कमी, और काम के क्षेत्र में स्तनपान कराने वाली माताओं के खिलाफ भेदभाव.
ये चुनौतियाँ कामकाजी माताओ के लिए स्तनपान कराना कठिन बनाती हैं, जिससे अधिकतर महिलाएं जल्दी स्तनपान करवाना बंद कर देती हैं. एक साथ काम करके, हम एक ऐसी दुनिया बना सकते हैं जहां सभी कामकाजी माताएं अपने बच्चों को स्तनपान कराने का समय मिले, और जहां इस तरह के भेदभाव का सामना न करना पड़े. यह बदलाव समाज के साथ –साथ आने वाली पीढ़ी के लिए बहुत जरूरी है. माँ के दूध के पोषक तत्वो से वंचित रहने वाले बच्चे जिंदगी भर बहुत तरह की कमजोरी का सामना करते हैं.
Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.
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