जयपुर: राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हो रहा है. अशोक गहलोत सरकार पर मंडरा रहे संकट के बादल फिलहाल छट गए हैं. पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कांग्रेस के ही प्रति अपनी निष्ठा जताई है. उन्होंने कहा कि मैं जनहित के मुद्दे हमेशा उठता रहूंगा. मेरे लिए कुर्सी और पद कोई मायने नहीं रखता.
'निकम्मा और नकारा' वाला बयान निराशाजनक
#WATCH: I imbibed certain values from my family, no matter how much I oppose anyone, I've never used such language. Ashok Gehlot ji is elder to me & I respect him personally but I have the right to raise work-related concerns: Sachin Pilot on Gehlot's 'nikamma' remark against him pic.twitter.com/mwwiYpBFxO
— ANI (@ANI) August 11, 2020
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर हमला बोलते हुए कहा था कि वो बहुत ही निकम्मा और नकारा था, वो कोई काम नहीं करता था बस हमेशा मेरी सरकार गिराने की साजिश करता था. गहलोत के इस शर्मनाक बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि मैं इससे बहुत आहत हुआ हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से अशोक गहलोत का बहुत सम्मान करता हूं लेकिन उनकी ये टिप्पणी बहुत निराशाजनक है.
कांग्रेस आलाकमान से संभाली स्थिति
I harbour no wish to have a post, these things come and go. We need to work in the direction of strengthening the public's confidence and trust in us: Sachin Pilot, Congress #Rajasthan pic.twitter.com/wNqtHdJmGF
— ANI (@ANI) August 11, 2020
आपको बता दें कि बगावत को पद और प्रतिष्ठा की बात कहने वाले सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी. कांग्रेस की ओर से एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जो कि सचिन पायलट की सभी समस्याओं का समाधान करेगी.
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इन शर्तों पर माने सचिन पायलट
सूत्रों ने बताया है कि राहुल गांधी ने सचिन पायलट को अंतिम दो सालों के लिए मुख्यमंत्री बनाने का भरोसा दिया है, साथ ही 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी बनाया जा सकता है. हालांकि अभी सचिन पायलट को गहलोत सरकार में कोई पद मिलने की गुंजाइश नहीं दिख रही है.