भोपाल: मध्यप्रदेश में 15 सालों सबाद बड़ी मुश्किल से सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस को महज 15 महीने ही सत्ता सुख मिल सका. कांग्रेस का सियासी वनवास दोबारा शुरू हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को अब भी सत्ता में वापस आने की उम्मीद है. कमलनाथ की मुख्यमंत्री की कुर्सी जा चुकी है और लगभग दो महीने हो चुके हैं लेकिन मुख्यमंत्री पद की कुर्सी जाने का गम अभी तक समाप्त नहीं हुआ है.
कभी कभी कमलनाथ की ओर से ऐसे बयान आ जाते हैं जिससे उनका दर्द छलक आता है. कमलनाथ जब तक मुख्यमंत्री रहे तब तक उन्हें पार्टी के भीतर का असंतोष नहीं दिखा और उसी असंतोष और महत्वाकांक्षाओं ने उनकी कुर्सी छीन ली.
अब भी मुख्यमंत्री बनने की आशा
कहते हैं कि मनुष्य को अपने सपनों का भंडार कभी भी खत्म नहीं करना चाहिए. आशाओं का दीपक जब तक जलता रहेगा तब तक मनुष्य में अपनी गलती के प्रायश्चित की भावना जीवंत रहेगी. कई बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ को सचेत किया लेकिन सत्ता के नशे में कमलनाथ को पार्टी की कलह नहीं दिखी. अब कमलनाथ कह रहे हैं कि 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस 20 सीटें जीतकर सत्ता में वापसी करेगी.
20 सीटें जीतने का दावा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में 20 सीटें जीतने का दावा किया है. कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को निराश नहीं होना चाहिये. 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस कम से कम 20 सीटें जीतकर दोबारा भाजपा को शिकस्त देगी.
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कमलनाथ भाजपा पर निकाल रहे गुस्सा
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने विधायकों की खरीद फरोख्त की लेकिन मैं सौदेबाजी नहीं करता और प्रदेश की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाएगी. उन्होंने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं अभी तो इंटरवल हुआ है हम सत्ता में फिर लौटेंगे. कमलनाथ की इस बयानबाजी से स्पष्ट पता चलता है कि सत्ता से जाने का वनवास उनसे काटे नहीं कटता. कमकनाथ किसी भी हालत में दोबारा सरकार में वापसी करना चाहते हैं.
भाजपा की सरकार बनवाने में सिंधिया का अहम योगदान
मध्यप्रदेश की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव के सूत्रधार ज्योतिरादित्य सिंधिया रहे. उन्होंने कांग्रेस की कमलनाथ सरकार को उखाड़ फेंका और भाजपा की सरकार बनवा दी. अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों का इस्तीफा दिलवाकर सिंधिया ने कमलनाथ सरकार को गिरा दिया. बाद में पूरे दलबल के साथ ज्योतिरादित्य भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा ने उन्हें राज्यसभा भेजने का वादा किया था जो उसने पूरा भी कर दिया है.