भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार अब इतिहास का हिस्सा हो गयी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद कमलनाथ की सरकार गिर गयी थी और अब शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही है. कमलनाथ सरकार के चले जाने का भरोसा अभी तक कुछ पूर्व मंत्रियों को नहीं हो रहा है. वे मंत्री पद से हटने के बावजूद मंत्रियों वाली सुविधाएं नहीं छोड़ पा रहे हैं.
आवास खाली नहीं कर रहे पूर्व मंत्री
कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे कई नेता अपनी सुविधाएं छोड़ने में आनाकानी कर रहे हैं. भोपाल प्रशासन कई बार इन नेताओं को नोटिस दे चुका है लेकिन ये लोग अपने आवास नहीं छोड़ रहे हैं. बता दें कि आधा दर्जन से ज्यादा मंत्रियों को नोटिस के बाद उनके सरकारी बंगले सील कर दिए गए हैं. कमलनाथ की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में मंत्री रहे कुछ विधायकों ने बी-टाइप आवास खाली नहीं किए थे.
मध्यप्रदेश के गृह मंत्रालय को करना पड़ रहा हस्तक्षेप
मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगले खाली करने के निर्देश दिए हैं. जिन लोगों को नोटिस जारी हुआ है, उनमें पूर्व मंत्री तरुण भनोत, सज्जन सिंह वर्मा, हुकुम सिंह कराड़ा भी शामिल हैं. आवास खाली करने के लिए उन्हें बीते सप्ताह नोटिस भी जारी किया गया था. नोटिस के बावजूद इनमें से किसी ने भी आवास खाली नहीं किया. ऐसे में सरकार ने कार्रवाई करते हुए बंगलों पर सील लगा दी है.
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पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने कही ये बात
मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जीतू पटवारी ने भाजपा पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है. जब कि नियम कहते हैं कि मंत्री पद से हटने के बाद सभी को सरकारी सेवाओं का त्याग करना चाहिए. लेकिन कांग्रेस के नेताओं को ये बात समझ में नहीं आ रही है.
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जीतू पटवारी का कहना है कि जब भारतीय जनता पार्टी विपक्ष में थी तो उनके कई पूर्व मंत्रियों ने बंगले नहीं खाली किए थे. तब कांग्रेस ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की. बीजेपी ओछी राजनीति करते हुए बदले की कार्रवाई के तहत इस तरह बंगले खाली करवा रही है.