रायबरेलीः अदिति सिंह, कांग्रेस विधायक, सीट रायबरेली. अब लगता है उनका यह परिचय अब कुछ ही देर या दिन का है. पहले कांग्रेस की नीति की आलोचना, फिर केंद्र 370 हटाने का समर्थन, सीएम योगी से मुलाकात और अब प्रियंका गांधी वाड्रा पर ही खुलकर वार. अदिति सिंह इन सारे कारनामों से पिछले एक साल से अपना बागी तेवर दिखा रही हैं. अब उन्होंने अपनी नाराजगी नए और खास तरीके से जाहिर की है.
ट्विटर से INC हटाया
तो अदिति सिंह ने किया यह है कि अपने ट्विटर हैंडल का बायो बदल लिया है. पहले वह उनकी प्रोफाइल पर INC नजर आता था, जो अब नहीं दिख रहा है. इसके साथ ही ट्विटर ने भी उनके प्रोफाइल को जो ब्लू टिक दिया था वह भी हटा लिया है. रायबरेली कांग्रेस का गढ़ रहा है. लेकिन सदर विधायक ने अपनी अलग राह चुन ली है.
बस पॉलिटिक्स में हुईं थीं मुखर
यूपी में लॉकडाउन के बीच कई दिनों तक चली 'बस पॉलिटिक्स' पर अदिति सिंह ने अपनी पार्टी के रुख की कड़ी आलोचना की थी. इस पूरे मामले में विधायक अदिति सिंह ने योगी सरकार के रुख का समर्थन किया था. अदिति सिंह ने ट्वीट कर लिखा था,
आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यों नहीं लगाई.'
हाल ही में अदिति ने दीए भी जलाए थे
अदिति सिंह लंबे समय से कांग्रेस विरोधी गतिविधियों में शामिल रही हैं. पिछले साल पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं. इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था. वहीं, कश्मीर से धारा-370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था. हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिये पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे.
कांग्रेस की महिला विंग की महासचिव पद से हटाया था
बस पॉलिटिक्स का मुद्दा गरमाने के बाद अदिति सिंह को कांग्रेस की महिला विंग की महासचिव पद से हटा दिया गया था. कांग्रेस ने अदिति सिंह के इस कृत्य को अनुशासनहीनता माना था और लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई की गई थी.
युवा विधायक अदिति सिंह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हैं और गांधी परिवार के भी बेहद करीब रही हैं. इस कार्रवाई से पहले भी बीते साल नवम्बर में विधानसभा सदस्यता समाप्त करने का भी नोटिस दिया गया था. अदिति सिंह का योगी आदित्यनाथ सरकार से वाइ श्रेणी की सुरक्षा मिली है और बीते साल ही पंजाब से कांग्रेस के विधायक अंगद सैनी से अदिति सिंह का विवाह हुआ था.
बागी अदिति क्या फाइनली कांग्रेस छोड़ने वाली हैं?
...तो क्या अदिति चल पड़ी हैं अलग राह पर
सस्पेंड करने के बाद से माना जा रहा था कि अब अदिति सिंह कभी भी बड़ा कदम उठा सकती हैं. बुधवार को ट्विटर से INC हटाने को लेकर इसकी शुरुआत माना जा रहा है. इसके साथ ही यह स्पष्ट संदेश भी जा रहा है कि अदिति अब पूरी तरह बागी सिंह हो गई हैं, बस इतनी देर भर है कि वह कब किसी अन्य पार्टी में शामिल होने जा रही हैं. हालांकि बीते साल से अब तक उन्होंने भाजपा के प्रति अपनी झुकाव काफी दिखाया है.
सिंधिया की तरह एक-एक कदम बढ़ा रहीं
जिस तरह का रुख अदिति अपनाए हुए हैं, सियासी हल्के में उनके कदम बिल्कुल भाजपाई बन चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलते-जुलते लग रहे हैं. ट्विटर हैंडल पर प्रोफाइल में फेर बदल पहली बार नहीं हुआ है. सिंधिया पिछले दिनों खुद ऐसा कर चुके हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपना ट्विटर प्रोफाइल और बायो बदला था, जिसके बाद मध्य प्रदेश में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ और कमलनाथ सरकार गिर गई थी.
क्या कांग्रेस में गांधी परिवार की आलोचना करना मना है