मुंबई: महाराष्ट्र में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है. शिवसेना और कांग्रेस के विधायक आपस में लड़ रहे हैं. 11 कांग्रेसी विधायकों ने उद्धव ठाकरे पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है और इसके विरोध में अनशन पर बैठने की धमकी दी है. शिवसेना ने सामना में इन कांग्रेस विधायकों की तीखी आलोचना की है.
विकास निधि के वितरण में भेदभाव
शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कांग्रेस पर महाराष्ट्र सरकार अस्थिर करने का आरोप लगाया है. सामना में लिखा गया है कि कांग्रेस के 11 विधायकों ने अनशन पर बैठने की ठानी है. उनका कहना है कि विकास निधि का समान वितरण नहीं हुआ और निधि वितरण में पक्षपात किया गया है.
शीर्ष नेतृत्व से शिवसेना सरकार की शिकायत करने की तैयारी
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस के विधायक कई बार कह चुके हैं कि महाराष्ट्र सरकार में उनकी सुनी नहीं जा रही है और कांग्रेस के मंत्री भी वही कर रहे हैं जो शिवसेना चाहती है. उनका ऐसा भी कहना है कि सरकार में कांग्रेस अकेली पड़ गई है. इस संदर्भ में ये 11 लोग दिल्ली जाकर सोनिया गांधी से शिकायत करने वाले हैं.
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अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर विधायक
सत्ता बचाने के लिए शिवसेना ने गतिविधियां तेज कर दी हैं. सामना में लिखा गया कि सत्ताधारियों से सवाल पूछने की बजाय कांग्रेस के विधायक खुद जिस सरकार में शामिल हैं, उसी के विरोध में अनशन पर बैठ रहे हैं. ये लोकतंत्र आदि है, यह स्वीकार है, लेकिन इसके कारण जिसने ये सरकार बनाने की अनुमति दी, उन सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर भी यह एक प्रकार का अविश्वास व्यक्त करने जैसा होगा.