स्पेशल फोर्सेस के कमांडोज की ट्रेनिंग के बारे में सुनकर ही आम लोगों के होश उड़ जाते हैं. हालांकि, आज भी इन कमांडोज की ट्रेनिंग को लेकर कई ऐसी चीजें जिनके बारे में शायद कम ही लोगों को जानकारी होगी. ऐसे में चलिए आज हम जानते हैं कि क्यों इन्हें ट्रेनिंग के दौरान कच्चा मांस खिलाया जाता है और इसमें कितनी सच्चाई है.
स्पेशल फोर्सेस के कमांडोज के बारे पूरी दुनिया जानती है कि इन्हें सबसे कठिन ट्रेनिंग दी जाती है. इन स्पेशल कमांडोज को हर स्थिति में लड़ना और जिंदा रहना सिखाया जाता है. इनकी ट्रेनिंग दुनियाभर में मशहूर है, जिसके बारे में सुनकर ही आम लोगों की रुह कांप उठती है. ऐसे में आज हम आपको स्पेशल फोर्सेस की ट्रेनिंग के बारे में कुछ अहम बातें बताने जा रहे हैं जिन्हें जान आपके होश उड़ जाएंगे.
स्पेशल फोर्स के कमांडोज को सबसे पहले शारीरिक तौर पर मजबूत किया जाता है. अन्य कमांडोज के अलावा स्पेशल कमांडोज की ट्रेनिंग खास और सबसे कठिन होती है. इनकी शारीरिक ट्रेनिंग में कूदना, लंबी दूरा तक दौड़ना, स्विमिंग, वजन उठाकर भागना और डाइविंग के लिए तैयार किया जाता है. सुनने में हमें ये ट्रनिंग्स बेशक बाकी सभी ट्रेनिंग जैसी ही लगती हो, लेकिन असल में इनसे गुजरना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं हो पाता.
इन स्पेशल कमांडोज को मौसम के अनुसार भी तैयार किया जाता है. कई बार इन्हें घंटों तक पानी में रखा जाता है. इसके अलावा इन्हें सर्दी, गर्मी, बर्फीले इलाके और भारी बारिश में भी रहना भी इनकी ट्रेनिंग का हिस्सा होता है.
स्पेशल फोर्स के कमांडोज को खान-पान के लिए भी एक खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है. इन्हें जंगली पत्तों की पहचान करना बताया जाता है. इसके अलावा जंगल में बिना पानी और खाने के जिंदा रहना बताया जाता है. सिर्फ इतना ही नहीं, कहते हैं कि कमांडोज को कच्चा मांस खाने की ट्रेनिंग भी मिलती है, हालांकि, ये सिर्फ इनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है, इन्हें जबरदस्ती कच्चा मांस नहीं खिलाया जाता है.
इन कमांडोज को विभिन्न तरीकों से तैयार किया जाता है, इन्हें जंगल में रहना, हफ्तों तक कैसे दुश्मनों के इलाकों में छिपकर रहा जाए और जरूरत पड़ने पर दुश्मन की नजर से बचकर कैसे निकला जाए ये भी इनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है.
इतना ही नहीं, इन स्पेशल फोर्स के कमांडोज को मार्शल आर्ट्स, एंटी टेररिज्म ऑपरेशंस, स्पाइपर ट्रेनिंग और सर्वाइकल स्किल्स की भी ट्रेनिंग दी जाती है. जिससे कि हर विपरीत परिस्थितियों में जिंदा रह पाना मुमकिन हो सके.