नई दिल्ली. भारत-चीन सीमा पर भारतीय जवान भी उतनी ही बड़ी संख्या में मौजूद हैं जितने चीनी सैनिक, लेकिन गर्मी बढ़ने से भारतीय सैनिकों के समस्या पैदा नहीं हुई है बल्कि यहां तैनात चीनी सैनिकों की जान मुश्किल में पड़ने लगी है और इसका परिणाम ये संभावित है कि उनको अब पीछे हटना ही पड़ेगा.
चीनी फौजियों को बुलाया जा सकता है वापस
भारत-चीन सीमा पर गलवान झील के आसपास सैन्य-गतिरोध वाले स्थान से चारों तरफ पांच किमी की परिधि में इकट्ठे चीनी सैनिकों को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अब पीछे बुला सकती है. और ऐसा करने की वजह है गलवान झील के जल स्तर में हुई है बढ़ोत्तरी जो कि इस झील के किनारे बाढ़ ला सकती है.
पिघल रही है घाटी की बर्फ
गलवान घाटी के बारे में बताया जा रहा है कि पहले तो अक्साई चिन क्षेत्र की तरफ से आ रही बर्फीली हवाओं ने गलवान घाटी को बर्फ से ढक दिया था लेकिन अब जब इस क्षेत्र के तापमान में इजाफा हो रहा है तो यहां बर्फ पिघलने लगी है जिसके कारण गलवान नदी का जल स्तर तीव्रता से बढ़ने लगा है. बर्फ पिघलने की तीव्र गति के कारण गलवान नदी के तट की स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है.
सैन्य कमान्डर ने दिये संकेत
सीमा पर मौजूद भारतीय सेना के कमान्डर ने बताया है कि चीन के लिए अब यहां ज्यादा देर रुकना मुश्किल हो रहा है. गलवान, गोगरा, हॉट स्प्रिंग्स और पैंगोंग त्सो में चीन की आज की सैन्य तैनाती को बनाये रखना अब किसी तरह आसान नहीं होगा.
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