करोड़ों का लूटा हुआ खजाना भारत आया

दोनो बैंक लुटेरों नीरव और मेहुल का ये करोड़ों का खजाना भारत लाना मोदी सरकार की एक बड़ी सफलता है जो ऐतिहासिक भी है क्योंकि इस तरह के उदाहरण कांग्रेस सरकारों के इतिहास में पहले कभी नहीं देखे गए हैं. भारत की एनफोर्समेन्ट डायरेक्टरेट इन दोनों अंतर्राष्ट्रीय ठगों के भारत से चुरा कर ले जाये गये 1350 करोड़ के हीरे-मोती वापस भारत लाने में सफल रही है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 11, 2020, 12:06 AM IST
    • 1350 करोड़ रुपये का नीरव और मेहुल का खजाना भारत लाई ईडी
    • 2300 किलो वजन का है ये खजाना
    • अब लाया जायेगा नीरव को भी
    • 108 खेप में भारत आय़ा है ये खजाना
करोड़ों का लूटा हुआ खजाना भारत आया

नई दिल्ली.  निस्संदेह ये है ईडी की बड़ी कार्रवाई. देश से भागे हुए चोर और उनके द्वारा चुरा कर ले जाई गई भारत की मौद्रिक सम्पत्ति भारत वापस आ गई है और ऐसा अब तक पहले कभी नहीं देखा गया है. लेकिन मोदी-राज में ऐसा हुआ है और ऐसे होने की शुरुआत भी हो गई है. भारत सरकार ले आई है हांगकांग में रखे नीरव और मेहुल के 1350 करोड़ का खजाना वापस अपने देश. 

 

2300 किलो वजन का है ये खजाना  

 भारतीय प्रवर्तन निदेशालय ने लगभग पंद्रह हज़ार करोड़ के घोटालेबाज नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. दोनों हीरा कारोबारी बैंक घोटाला करके देश से फरार हो गए थे. भारत सरकार ने इन भगोड़ों के हांगकांग में छुपाये गए हीरे-मोतियों और चांदी के आभूषणों का पता लगाने में सफलता पाई है बल्कि उनको भारत लाने में भी देर नहीं लगाईं है. दोनों बैंक लुटेरों के इस खजाने का वजन 2300 किलो बताया गया है.

अब लाया जायेगा नीरव को भी

हांगकांग में भारत सरकार को पहली बड़ी सफलता मिल गई है औऱ ईडी वहां से 2300 किलो वजनी तराशे हुए हीरे और मोती भारत ले आई है. ये 1350 करोड़ रुपये मूल्य के हीरे--मोती और चांदी के आभूषण दोनो चोरों की कंपनियों से संबंधित हैं. फिलहाल इन दोनों वांछित भगोड़े अपराधियों में से एक नीरव अभी लंदन में है और अब कुछ दिनों में उसे भी भारत लाये जाने की संभावना है. 

108 खेप में भारत आय़ा है ये खजाना

ईडी के अधिकारियों ने इस विषयक जानकारी देते हुए बताया कि दोनो लुटेरों की कंपनियों के हीरे और मोती एक बार में भारत लाना संभव नहीं था, अतएव वे 108 खेप में मुंबई लाए गए.  इनमें से 32 खेप नीरव मोदी द्वारा नियंत्रित विदेशों में स्थित कंपनियों की तथा शेष खेप मेहुल चोकसी की कंपनियों से संबन्धित हैं.  

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