रामायण, महाभारत सुनकर बड़े हुए ओबामा

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी किताब में 26/11 हमलों की चर्चा की है और लिखा है कि उस समय पाकिस्तान पर जवाबी हमले की मांग का तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विरोध किया था. लेकिन ओबामा की किताब से सबसे अनोखी बात ये सामने आई है कि वो रामायण, महाभारत सुनकर बड़े हुए..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 18, 2020, 03:20 PM IST
  • ओबामा के खुलासे से घिर गए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
  • बराक ओबामा ने सुनी है रामायण और महाभारत की कथाएं
रामायण, महाभारत सुनकर बड़े हुए ओबामा

नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने एक किताब लिखी है- A Promised Land.. ये किताब आज प्रकाशित हुई लेकिन इसके एक हिस्से पर भारत में राजनीति गरमा गई है. सबसे पहले आपको बताते हैं कि इस किताब में उन्होंने 26/11 अटैक के बाद की स्थिति को लेकर क्या कुछ लिखा है.

'A Promised Land' में क्या लिखा?

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लिखा कि "उस समय पाकिस्तान की समस्या ये थी कि वो मुंबई के होटलों और अन्य जगहों पर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में लगातार भारत के साथ जांच प्रक्रिया में विफल हो रहा था. मुंबई हमलों से दोनों ही देशों में तनाव काफी बढ़ गया था। ऐसा इसलिए था क्योंकि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा इन हमलों के लिए ज़िम्मेदार था और माना जा रहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी के साथ लश्कर के संबंध हैं."

बराक ओबामा ने इसके बाद अपनी किताब में मुंबई अटैक पर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चर्चा की.

सवालों के कटघरे में मनमोहन सिंह?

बराक ओबामा ने ये भी लिखा कि "मनमोहन सिंह ने 26/11 के बाद पाकिस्तान पर हमला करने की मांग का विरोध किया था, लेकिन उनका ये निर्णय उन्हें राजनीतिक तौर पर महंगा पड़ गया."

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा 2010 में भारत के दौरे पर थे, इसी दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उनसे मुलाकात की थी. ओबामा के मुताबिक, मीटिंग में मनमोहन सिंह ने ही उनसे 26/11 हमलों की चर्चा की. ओबामा से ये डर भी ज़ाहिर किया कि मुस्लिमों के ख़िलाफ बन रही भावना ने बीजेपी को मज़बूत किया.

अब सवाल उठता है कि 

मनमोहन सिंह ने पाकिस्तान पर जवाबी हमले की मांग का विरोध क्यों किया?
क्या मनमोहन सिंह ने स्वयं ऐसा निर्णय लिया या उनपर किसी का दबाव था?
अगर दबाव था, तो किसका, क्या ये दबाव कांग्रेस के आलाकमान का था?
क्या मनमोहन सिंह पर ये दबाव इसलिए बनाया गया ताकि कांग्रेस के मुस्लिम वोट बैंक पर इसका असर ना पड़े?

एक बात स्पष्ट है कि पाकिस्तान को लेकर यूपीए सरकार का रवैया हमेशा नरम रहा है. यूपीए सरकार में हमलों के बाद पाकिस्तान को सिर्फ सबूत देने का काम किया गया, और पाकिस्तान वो सबूत भी हमेशा नकारता रहा. जबकि आज ऐसा नहीं है, आज बदला हुआ हिंदुस्तान है. जो पाकिस्तान को सबूत नहीं देता, पाकिस्तान से बदला भरपूर लेता है.

शिवशंकर मेनन ने भी किया था खुलासा

यूपीए सरकार के बारे में जो बातें बराक ओबामा ने अपनी किताब में लिखी हैं, यही दावा भारत में उस समय के विदेश सचिव शिवशंकर मेनन और भारतीय वायुसेना के पूर्व विंग कमांडर मोहंतो ने भी किया था.

शिवशंकर मेनन 2006 से 2008 तक विदेश सचिव थे. उन्होंने अपनी किताब 'च्वाइसेज : इनसाइड द मेकिंग ऑफ इंडियाज फॉरेन पॉलिसी' में खुलासा किया था. 2008 में पाकिस्तान पर हमले की योजना पर बात चल रही थी, लेकिन सरकार बाद में इस योजना पर आगे नहीं बढ़ी.

भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर रिटायर्ड मोहंतो ने भी ऐसा ही खुलासा किया था. मुंबई में 26/11 हमलों के बाद भारतीय वायुसेना ने मुजफ्फराबाद में स्ट्राइक की योजना बनाई थी. विंग कमांडर मोहंतो उस समय सुखोई स्क्वॉड्रन को लीड कर रहे थे. उनका दावा है कि स्ट्राइक के लिए यूनिट भी डिप्लॉय की गई थी, लेकिन सरकार से हमले का आदेश नहीं मिला.

वैसे, अपनी किताब A Promised Land में बराक ओबामा ने भारत की प्रशंसा की है. लिखा है कि राजनीतिक दलों के बीच कटु शत्रुता और कई घोटालों के बावजूद आधुनिक भारत की कहानी कई मायनों में सफल कही जा सकती है. ओबामा ने एक और रोचक जानकारी दी.

रामायण, महाभारत सुनकर बड़े हुए ओबामा

भारत का उनके दिल में विशेष स्थान है. वो रामायण और महाभारत की कथाओं को सुनकर बड़े हुए हैं. उनके बचपन का काफी हिस्सा इंडोनेशिया में बीता था. इंडोनेशिया में ही उन्होंने रामायण और महाभारत की कथाएं सुनीं थीं. रामायण और महाभारत का ओबामा की ज़िंदगी पर खासा प्रभाव है. इसके अलावा, ओबामा ने किताब में ये भी बताया कि भारत के प्रति उनके आकर्षण की प्रमुख वजह महात्मा गांधी हैं. महात्मा गांधी ने 1915 में ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ अहिंसक आंदोलन शुरू किया था, ये अहिंसक आंदोलन 30 वर्ष से अधिक चला. इस आंदोलन ने ना केवल एक साम्राज्य पर काबू पाने और उपमहाद्वीप के अधिकतर हिस्सों को स्वतंत्र कराने में मदद की. बल्कि पूरी दुनिया में नैतिकता की एक लहर भी चलाई. इससे अश्वेत अमेरिकियों सहित हाशिए पर पहुंच गए दूसरे समूहों को उम्मीद की रोशनी मिली.

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आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार एक्शन मोड में हैं. भारत पाकिस्तान को हमलों पर सैन्य जवाब भी देता है और कूटनीतिक मंच से भी पाकिस्तान को घेरा जाता है. लेकिन ओबामा के खुलासे के बाद ये सवाल उठता है कि क्या ऐसा यूपीए सरकार में होता था? क्या मनमोहन सिंह की सरकार में पाकिस्तान को जवाब दिया जाता था?

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