नई दिल्ली: Why Controversy on NEET: नीट 2024 के रिजल्ट का विवाद सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस भी जारी किया है. छात्र इस परीक्षा को कैंसिल करने और रीएग्जाम कराने की अपील कर रहे हैं. आइए, जानते हैं कि पूरे देश में NEET को लेकर इतना बड़ा विवाद क्यों खड़ा हुआ और इसे आयोजित कराने वाली संस्था NTA की साख दांव पर क्यों लगी है?
10 दिन पहले जारी हो गया रिजल्ट
दरअसल, नीट के रिजल्ट पर सबसे पहला सवालिया निशान तब लगा जब इसे तय तिथि से 10 दिन पहले जारी कर दिया गया था. रिजल्ट 14 जून को जारी होना था, लेकिन इसे 4 जून को ही रिलीज कर दिया गुया. इसके बाद एक्सपर्ट्स तब हैरान रह गए जब 67 कैंडिडेट्स टॉपर बने. इन्हें 720 में से 720 अंक मिले. बीते 5 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब नीट के 5 से ज्यादा टॉपर हुए हैं. साल 2023 में सिर्फ 2 छात्र ही 720 अंक लेकर आए थे. जबकि 2022 में 715 नंबर पाने वाला छात्र टॉपर बना था.
ग्रेस मार्क्स देने की पद्धति में पारदर्शिता नहीं
एग्जाम के दौरान कई सेंटर्स पर स्टूडेंट्स को पर्याप्त समय नहीं मिला, इसको लेकर पंजाब एंड हरियाणा, दिल्ली और छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई. इस पर एक हाई पावर कमेटी बनी, जिसकी सिफारिश पर 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स मिले. इसमें एक ही एग्जाम सेंटर के 6 छात्रों को भी ग्रेस मार्क्स मिले. इस पर सवाल खड़े हुए.
मार्किंग स्कीम पर सवाल खड़े हुए
NEET की परीक्षा में एक सवाल 4 मार्क्स का था. गलत सवाल का एक नंबर कटता है. फिर भी कुछ छात्रों को 718 और 719 मार्क्स आए हैं. हालांकि, NTA ने कहा है कि ग्रेस मार्क्स के चलते ही दो छात्रों का स्कोर 718 और 719 रहा. नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला के तहत स्टूडेंट्स को अलग-अलग ग्रेस मार्क्स मिले.
दावा- फटी हुई OMR शीट मिली
लखनऊ की रहने वाली आयुषी पटेल ने दावा किया है कि उन्हें फटी हुई OMR शीट मिली थी. अब NTA की वेबसाइट पर उनका रिजल्ट भी शो नहीं हो रहा. NTA ने उन्हें मेल किया कि उनकी OMR शीट फटी और डैमेज थी, इसलिए उनका रिजल्ट जारी नहीं हुआ.
दावा- पेपर लीक हुआ
नीट का पेपर लीक होने के आरोप भी लगे हैं. बिहार में इसको लेकर एक FIR भी दर्ज हुई है. इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तारी भी हुई है. मामले की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का भी गठन हुआ.
छात्रों पर क्या प्रभाव पड़ा?
बीते तीन साल से NEET का क्वॉलिफ़ाइंग स्कोर 130 था. इस बार यह 164 हो गया है. पहले 600 से अधिक नंबर लाने वाले छात्रों को गवर्नमेंट कॉलेज में एडमिशन मिल जाता था. लेकिन इस साल 600 नंबर वाले छात्रों के भविष्य पर भी बादल मंडरा रहे हैं.
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