लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पद का कार्यभार संभालने के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी ने राज्य सरकार के पंचायती राज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. चौधरी ने मंगलवार को खुद ट्विटर पर यह जानकारी दी.
भूप्रेंद्र चौधरी ने ट्वीट कर दी जानकारी
भूपेंद्र सिंह चौधरी ने ट्वीट किया, “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व के सम्यक निर्वहन हेतु आज मंत्रिमंडल से त्यागपत्र दिया. अपने प्रथम और द्वितीय कार्यकाल में क्रमशः राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) व कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रदेश की जनता की सेवा का अवसर प्रदान करने तथा समय-समय पर दिए गए निर्देशों के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का एवं अनेक अवसरों पर प्रेरणादायी मार्गदर्शन व आशीर्वचन के लिए यशस्वी प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार.”
चौधरी ने इस कारण मंत्री पद से दिया इस्तीफा
चौधरी ने मंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के ‘एक व्यक्ति-एक पद’ सिद्धांत के आधार पर दिया है. इस्तीफा देने के बाद वह पार्टी पदाधिकारियों के साथ भाजपा मुख्यालय पहुंचे. उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि आने वाले नगर निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा रिकॉर्ड जीत दर्ज करेगी.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने 25 अगस्त को चौधरी को पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था. उत्तर प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त होने के बाद चौधरी सोमवार को नयी दिल्ली से लखनऊ पहुंचे थे, जहां चारबाग रेलवे स्टेशन पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया था. 54 वर्षीय चौधरी मुरादाबाद के महेंद्र सिकंदरपुर में रहने वाले एक किसान परिवार से आते हैं. वह राजनीतिक सफर के शुरुआती दिनों में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से जुड़ गए थे.
ऐसा रहा है भूपेंद्र चौधरी का राजनीतिक सफर
पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक, चौधरी 1991 में भाजपा के सदस्य बने और कोषाध्यक्ष एवं मुरादाबाद जिला इकाई के जिलाध्यक्ष सहित विभिन्न पदों पर रहे. 1999 में उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के तत्कालीन अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए. चौधरी ने क्षेत्रीय मंत्री का पद संभाला और फिर क्षेत्रीय अध्यक्ष भी बने तथा 2017 तक इस पद पर रहे.
पहली बार 2016 में विधान परिषद सदस्य चुने जाने के बाद वह उच्च सदन में पहुंचे और 2017 में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायती राज विभाग का राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया. 2019 में चौधरी को इसी विभाग में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई. 2022 में वह दोबारा विधान परिषद के सदस्य बने और योगी के नेतृत्व वाली दूसरी सरकार में पंचायती राज मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. एक मंत्री के रूप में चौधरी की उपलब्धियों में ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत रिकॉर्ड संख्या में शौचालय बनवाना और सभी 75 जिलों को खुले में शौच से मुक्त घोषित करना शामिल है.
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