नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के आखिरी दौर में 40 के करीब चुनावी सभाओं को संबोधित किया और कुछ रोड शो भी किए. मध्य प्रदेश में सबसे अधिक उन्होंने 14 चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया जबकि मिजोरम में वह किसी भी चुनावी कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए. पिछले महीने नौ अक्टूबर को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था.
इन राज्यों में हो रहा चुनाव
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम में मतदान संपन्न हो चुका है. तेलंगाना में 30 दिसंबर को मतदान होना है, जहां आज शाम चुनाव का शोर थम जाएगा. तीन दिसंबर को पांचों राज्यों में मतगणना के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी कि किस राज्य में किसकी सरकार बनेगी और कहां किसका जादू चला. चुनावों की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री ने पहली रैली छत्तीसगढ़ में की थी. इसके बाद उन्होंने दुर्ग, विश्रामपुर, मुंगेली और महासमुंद में चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया.
विपक्षी सरकारों को पीएम ने घेरा
इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ ही वहां के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा और भ्रष्टाचार एवं कांग्रेस के ‘कुशासन’ को मुद्दा बनाया. कांकेर की जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री ने राज्य के लोगों के नाम एक खुला पत्र भी ‘एक्स’ पर साझा करते हुए भाजपा के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी. उनके पत्र में लिखा था, ‘‘भाजपा ने ही बनाया, भाजपा ही संवारेगी.’’ कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ की 90 में से 20 सीटों के लिए सात नवंबर को पहले चरण का मतदान हुआ था जबकि 17 नवंबर को 70 सीटों के लिए दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान संपन्न हुआ था.
एमपी ने इन इलाकों में की रैली
मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री ने कुल 14 जनसभाओं को संबोधित किया और इंदौर में एक रोड शो किया. इस राज्य में उनकी पहली रैली रतलाम में हुई. उन्होंने सिवनी, खंडवा, सीधी, दमोह, गुना, मुरैना, सतना, छतरपुर, नीमच, बड़वानी, बेतुल, शाजापुर और झाबुआ में चुनावी जनसभाओं को संबोधित कर राज्य के लगभग सभी हिस्सों तक पहुंचने की कोशिश की. मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री का पूरा जोर ‘डबल इंजन’ की सरकार और राज्य के विकास के लिए भाजपा की प्रतिबद्धता पर रहा. मध्य प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीट जीती जबकि भाजपा ने 109 सीट.
राजस्थान में ये रहा हाल
इससे उलट, कांग्रेस ने कमल नाथ के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ा है. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए एक ही चरण में 17 नवंबर को मतदान हुआ था. कांग्रेस शासित राजस्थान में प्रधानमंत्री ने कुल 12 जनसभाओं को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने अपराध और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को निशाना बनाया. प्रधानमंत्री ने चुनावी सभाओं के अंतिम दौर में उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड और दिवंगत नेता राजेश पायलट के साथ कांग्रेस के तत्कालीन शीर्ष नेतृत्व द्वारा किए गए व्यवहार को जोरशोर से उठाया. राजस्थान में हर पांच साल बाद सरकार बदल जाती है.
तेलंगाना में पीएम ने की 8 रैली
तेलंगाना में प्रधानमंत्री ने कुल आठ चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया और हैदराबाद में एक रोड शो किया. तेलंगाना में सीधी लड़ाई तो मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति और कांग्रेस के बीच है लेकिन भाजपा भी एक मजबूत ताकत के रूप में उभरने के मजबूती से चुनाव लड़ रही है. यहां के चुनाव में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री केसीआर के साथ कांग्रेस पर हमला बोला और राज्य में ‘डबल इंजन’ की सरकार की वकालत की. केंद्र और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार को प्रधानमंत्री अक्सर ‘डबल इंजन’ सरकार कहते हैं. तेलंगाना की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए 30 नवंबर को मतदान होना है.
मिजोरम में कोई प्रचार नहीं
मिजोरम की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात नवंबर को मतदान संपन्न हो गया था. पूर्वोत्तर के इस राज्य में प्रधानमंत्री ने कोई चुनावी रैली नहीं की और ना कोई रोड या अन्य कार्यक्रम किया. मिजोरम में सत्ताधारी मिजो नेशनल फ्रंट और प्रमुख विपक्षी पार्टी जोराम पीपुल्स मूवमेंट के बीच मुकाबला है. कांग्रेस ने सभी 40 सीटों पर वहीं भाजपा ने 23 और आम आदमी पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं.
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