नई दिल्ली. बजट के बाद नीति आयोग की बैठक का विपक्ष बहिष्कार कर सकता है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के घर हुई विपक्षी दलों की बैठक में इस बात पर सहमति बनी है. बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि विपक्ष की मांगों को सरकार ने नहीं माना तो विपक्षी दल नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करेंगे.
बता दें कि बजट के बाद विपक्षी दलों ने मंगलवार को सरकार पर ‘कॉपी-पेस्ट’ और ‘सरकार बचाओ’ बजट पेश करने का आरोप लगाया. विपक्ष ने आरोप लगाया कि बजट में नौजवानों, किसानों तथा विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों की अनदेखी की गई है. सरकार को मुख्य विपक्षी दल का धन्यवाद करना चाहिए क्योंकि उसने जिस इंटर्नशिप योजना की घोषणा की है वह इस लोकसभा चुनाव के विपक्षी पार्टी के घोषणापत्र में किए गए प्रशिक्षुता के अधिकार के वादे पर आधारित है.
कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस के मुताबिक सीतारमण का बजट भाषण दिखावे पर ज्यादा केंद्रित रहा है तथा केंद्र सरकार ने 10 साल तक इनकार करने के बाद स्वीकार किया है कि बेरोजगारी राष्ट्रीय संकट है जिस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है. बजट-2024-25 में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना की घोषणा की गई है जिसके तहत युवाओं को इंटर्नशिप के साथ 5,000 रुपये का मासिक भत्ता मिलेगा.
अखिलेश बोले- पूरे देश की अनदेखी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार के लिए की गई घोषणाओं को ‘सरकार बचाने’ का प्रयास करार दिया और आरोप लगाया कि सरकार ने किसानों और नौजवानों के साथ पूरे देश की अनदेखी की है. यादव ने सवाल किया-उत्तर प्रदेश, जो प्रधानमंत्री देता है, क्या वहां के किसानों के लिए भी कुछ बड़े फैसले हैं?’’
TMC बोली-कुर्सी बचाओ बजट
इसके अलावा टीएमसी ने कहा है कि बजट में पश्चिम बंगाल के लिए कुछ भी नहीं है और यह भारत के लिए नहीं, बल्कि एनडीए के लिए पेश किया गया बजट है. TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने यह दावा भी किया कि यह कुर्सी बचाओ बजट है. उन्होंने कहा-इस बजट का उद्देश्य (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की स्थिति को बचाना है. यह NDA के लिए बजट है, भारत के लिए नहीं है.
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