नवजात को लेकर डराने वाले आंकड़े आए सामने, हर साल इतने बच्चों की हो जाती है मौत

ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में इसका अंतर भी इन वर्षों में कम हुआ है. हालांकि जन्म दर पिछले पांच दशकों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में गामीण इलाकों में अधिक बना हुआ है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 4, 2022, 05:18 PM IST
  • नवजात को लेकर डराने वाले आंकड़े आए सामने
  • हर साल इतने बच्चों की हो जाती है मौत
नवजात को लेकर डराने वाले आंकड़े आए सामने, हर साल इतने बच्चों की हो जाती है मौत

नई दिल्ली: पिछले कुछ दशकों में नवजात मृत्यु दर में कमी आने के बावजूद भारत में अभी भी प्रत्येक 36 में से एक शिशु की उसके जन्म के प्रथम वर्ष के अंदर मौत हो जाती है. आधिकारिक आंकड़ों से यह पता चलता है. नवजात मृत्यु दर (आईएमआर) को किसी देश या क्षेत्र के संपूर्ण स्वास्थ्य परिदृश्य के एक अहम संकेतक के तौर पर व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है. आईएमआर को किसी क्षेत्र में एक निर्धारित अवधि में प्रति एक हजार जन्म पर नवजात मृत्यु (एक साल से कम आयु में) के रूप में परिभाषित किया जाता है.

भारत के महापंजीयक द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, आईएमआर का मौजूदा स्तर (वर्ष 2020 के लिए, प्रति एक हजार जीवित शिशु पर 28 नवजात की मौत) 1971 (प्रति एक हजार जीवित शिशु पर 129 नवजात मौत) की तुलना में एक-चौथाई कम है.

आईएमआर में करीब 36 प्रतिशत की कमी

पिछले 10 वर्षों में आईएमआर में करीब 36 प्रतिशत की कमी देखी गई है और अखिल भारतीय स्तर पर आईएमआर का स्तर पिछले दशक में 44 से गिर कर 28 हो गया. आंकड़ों के मुताबिक, ‘‘ग्रामीण इलाकों में यह 48 से घट कर 31 हो गया और शहरी इलाकों में यह 29 से घट कर 19 हो गया.

इस तरह क्रमश: करीब 35 प्रतिशत और 34 प्रतिशत दशकीय गिरावट प्रदर्शित होती है. ’’ हालांकि, बुलेटिन में कहा गया है, ‘‘पिछले दशकों में आईएमआर में गिरावट के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक 36 में एक नवजात की मृत्यु उसके जीवन के प्रथम वर्ष में हो गई.’’

मध्यप्रदेश में सबसे अधिक आईएमआर

वर्ष 2020 में अधिकतम आईएमआर मध्यप्रदेश (43) में और न्यूनतम मिजोरम (तीन) में दर्ज की गई. बुलेटिन में कहा गया है कि पिछले पांच दशकों में अखिल भारतीय स्तर पर जन्म दर में काफी कमी आई है जो 1971 के 36.9 से घट कर 2020 में 19.5 हो गई.

ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में इसका अंतर भी इन वर्षों में कम हुआ है. हालांकि जन्म दर पिछले पांच दशकों में शहरी क्षेत्रों की तुलना में गामीण इलाकों में अधिक बना हुआ है. पिछले दशक में जन्म दर करीब 11 प्रतिशत घटी है.

यह 2011 के 21.8 से घट कर 2020 में 19.5 हो गयी. ग्रामीण इलाकों में इसमें करीब नौ प्रतिशत की कमी आई है जो 23.3 से घट कर 21.1 हो गई. वहीं, शहरों इलाकों में यह 17.6 से घट कर 16.1 हो गई जो करीब नौ प्रतिशत की गिरावट है.

ये भी पढ़ें- मार्केट में जल्द आएंगे ई ट्रैक्टर, किसानों को ऐसे होगा फायदा- जानें परिवहन मंत्री ने क्या कहा

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.

ट्रेंडिंग न्यूज़