नई दिल्ली: Champai Soren Politics: 'मेरा चश्मा टूट गया था, मैं इसे बनवाने दिल्ली गया था. वहां मेरे पोते-पोती भी रहते हैं, उनसे भी मिलना था...'- ये बयान JMM के बागी नेता और झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन का है, जो दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे. चंपई सोरेन के JMM छोड़ने की खबरें बीते एक हफ्ते से चल रही हैं. लेकिन वे अभी तक न तो भाजपा में गए हैं और न ही JMM से आधिकारिक तौर पर इस्तीफा दिया है.
चंपई के BJP में जाने पर संशय
मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया जा रहा है कि चंपई सोरेन के साथ जो विधायक और पूर्व विधायक भाजपा में शामिल होने थे, उन्होंने उनका साथ छोड़ दिया है. JMM ने अपने असंतुष्ट नेताओं को मना लिया है. अब चंपई सोरेन अलग-थलग पड़ गए हैं. इस पर भी संशय है कि वे भाजपा में जाएंगे या नहीं. लेकिन इतना तय माना जा रहा है कि ए अपनी आगे की सियासी राह JMM से अलग बनाएंगे.
चंपई सोरेन बोले- मेरे पास तीन विकल्प
चंपई सोरेन दिल्ली से अपने पैतृक गांव सरायकेला पहुंच चुके हैं. यहां उन्होंने कहा- मेरे पास तीन विकल्प हैं. पहला रिटायर हो जाऊं, दूसरा नई पार्टी बनाऊं और तीसरा अच्छा साथी मिले तो उसके साथ काम करूं. मेरा फैसला अडिग है. मैं नया अध्याय शुरू करने वाला हूं. मैंने पहले यही सोचा था कि मैं रिटायर हो जाऊं, लेकिन समर्थकों ने मुझे पुनर्विचार के लिए मजबूर कर दिया.'
हिमंत बिस्वा लीड कर रहे ऑपरेशन
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा झारखंड में 'ऑपरेशन लोटस' को लीड कर रहे हैं. वे कोल्हान क्षेत्र के विधायकों को इकट्ठा कर रहे हैं. यदि ये भाजपा में आते हैं तो JMM के लिए बड़ा झटका होगा. लेकिन अगर ये तैयार नहीं होते हैं तो ये चंपई सोरेन के लिए झटका साबित होगा. चंपई अकेले भाजपा में जाएंगे तो उनका सियासी रसूख कम समझा जाएगा, ऐसी परिस्थिति में वे नया दल बना सकते हैं.
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