नई दिल्ली: SC on Bilkis Bano Gangrape Case: बिलकिस बानो रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों की रिहाई निरस्त कर दी है. कोर्ट ने दायर की गई याचिका को सुनवाई योग्य माना है. कोर्ट का कहना है कि पीड़िता की तकलीफ का एहसास भी होना चाहिए. कोर्ट के इस फैसले से साफ़ है कि बिलकिस रेप केस के दोषी अब जेल में ही रहेंगे, उनकी रिहाई रद्द कर दी गई है.
'याचिका सुनवाई योग्य है'
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस नागरत्ना नेकहा कि सजा इसलिए दी जाती है कि भविष्य में अपराध रुके. इससे अपराधी को सुधरने का मौका दिया जाता है. लेकिन पीड़ित की तकलीफ का भी एहसास होना चाहिए. हमने कानूनी तौर पर मामले को परखा, पीड़िता की याचिका को सुनवाई योग्य माना है. इस मामले दायर हुईं जनहित याचिकाएं सुनवाई योग्य होने या न होने पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं.
रिहाई निरस्त करने का आधार
जस्टिस नागरत्ना ने आगे कहा कि रिहाई पर फैसले से पहले गुजरात सरकार को उस कोर्ट की राय लेनी चाहिए थी, जिसमें ये मुकदमा चल रहा था. जिस राज्य में आरोपियों को सजा मिली, उसे ही रिहाई पर भी फैसला लेना चाहिए था. सजा महाराष्ट्र में मिली थी. इस आधार पर हम रिहाई का आदेश निरस्त करते हैं.
सरकार ने दिया था ये तर्क
गौरतलब है कि 11 दिनों की सुनवाई हुई थी. इसमें केंद्र व गुजरात सरकार ने दोषियों की सजा माफ करने से जुड़े मूल रिकॉर्ड भी पेश किए थे. गुजरात सरकार ने तर्क दिया था कि इन लोगों ने सुधारात्मक सिद्धांत का पालन किया है. इस पर कोर्ट ने पूछा था कि क्या दोषियों के पास माफी मांगने का मौलिक अधिकार है.कोर्ट ने आगे कहा था कि ये अधिकार चुनिंदा रूप से नहीं मिलना चाहिए.
ये भी पढ़ें- क्या है वो गेस्ट हाउस कांड, जिसे मायावती ने फिर याद कर सपा से बताया खतरा, कहा- हो सकती है अनहोनी
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.