नई दिल्ली: पंकज त्रिपाठी आज हिन्दी सिनेमा के बेहतरीन कलाकारों में से बन चुके हैं. उन्होंने अपनी हर भूमिका को बहुत खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है. ऐसे में उन्हें लगातार एक के बाद एक प्रोजेक्ट्स के लिए कास्ट किया जा रहा है. हाल ही में उनकी 'मर्डर मुबारक' रिलीज हुई है, जिसे दर्शकों और समीक्षकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया हासिल हो रही है. इसी बीच अब एक्टर ने कहा है कि वह अब भी अपना सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
नहीं पूरा हो पा रहा सपना
पंकज त्रिपाठी का कहना है कि बेहतर प्रोजेक्ट्स में काम करने की उनकी जो इच्छा थी वह तो पूरी हो गई है, लेकिन वह छुट्टियों का आनंद नहीं ले पा रहे हैं. क्या पंकज अपना सपना जी रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, 'नहीं, इतना काम करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि उस सपने के साथ-साथ मेरा एक और सपना भी था, जिसके बारे में मैं पूरी तरह से भूल चुका था, यह छुट्टियों पर जाने का था, जो सपना मैं पूरा नहीं कर पा रहा हूं. मैं इतना व्यस्त हो गया हूं कि मुझे एहसास हुआ कि मैं छुट्टी नहीं ले रहा हूं.'
बेहतरीन फिल्में दे चुके हैं पंकज
मौजूदा समय में भारतीय सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ कलाकारों में से एक पंकज ने अब तक 'गैंग्स ऑफ वासेपुर', 'फुकरे', 'न्यूटन', 'बरेली की बर्फी', 'मिमी', 'लूडो', 'मैं अटल हूं', 'स्त्री', 'मिर्जापुर' और 'मर्डर मुबारक' सहित कई अन्य फिल्मों में अपने शानदार काम के जरिए दुनियाभर में एक खास मुकाम हासिल कर चुके हैं.
वर्क-लाइफ बैलेंस जरूरी
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र पंकज इस बात से सहमत हैं कि वह अच्छे कंटेंट पर काम करने के अपने सपने को जी रहे हैं. उन्होंने आगे कहा, 'लेकिन, उस सपने के साथ मेरा एक और सपना था कि मैं थोड़ा कम काम करूं, गुणवत्ता पर ध्यान देने के साथ अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दूं ,क्योंकि यह भी महत्वपूर्ण है. वर्क-लाइफ बैलेंस बहुत महत्वपूर्ण है.'
इन प्रोजेक्ट्स में दिखेंगे पंकज त्रिपाठी
दूसरी ओर पंकज त्रिपाठी के वर्क फ्रंट की बात करें तो 'मर्डर मुबारक' के बाद अब वह जल्द ही 'मिर्जापुर 3', 'स्त्री 2' और 'मेट्रो... इन दिनों' में जैसी बड़े प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाले हैं. फैंस उन्हें फिर से पर्दे पर देखने के लिए उत्साहित हैं.
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