नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव को लेकर महाराष्ट्र से बड़ी खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के घटक दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन गई है. महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी (MVA) के घटक दलों के बीच सीटों पर सहमति बन गई है. एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना यूबीबी और एनसीपी शरदचंद्र पवार के अलावा और दो और पार्टियों की इंट्री हुई है. इनमें प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी और राजू शेट्टी की अगुवाई वाली स्वाभिमानी शेतकरी संघटना शामिल है.
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें
महाराष्ट्र में सूत्रों के हवासे से जो खबरें सामने आ रही हैं उसके अनुसार 48 सीटों में से 21 सीट पर शिवसेना यूबीटी लड़ेगी, जबकि कांग्रेस 15 सीट, एनसीपी शरद पवार नौ सीटें पर लड़ेगी. ऐसे में उद्धव के खाते में सबसे ज्यादा सीटें मिलती दिख रही हैं.
8 सीटों पर खींचतान जारी
दरअसल, महाविकास अघाड़ी के बीच लगभग एक महीने से चल रही बातचीत में सीट-बंटवारे का समाधान नहीं निकल पाया है, जबकि सहयोगियों के बीच कम से कम आठ लोकसभा सीटों पर विवाद बना हुआ है. तीनों दलों के सूत्रों का कहना है कि 48 संसदीय क्षेत्रों में से लगभग 40 पर व्यापक सहमति बन गई है, लेकिन मुंबई की चार सीटों सहित आठ सीटों पर खींचतान है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि अंतिम निर्णय एमवीए घटक दलों के शीर्ष नेताओं द्वारा लिया जाएगा, जिसमें राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, एनसीपी-एसपी के सुप्रीमो शरद पवार और एसएस-यूबीटी के उद्धव ठाकरे शामिल हैं. एमवीए सहयोगियों को भरोसा है कि वे लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से काफी पहले मार्च की शुरुआत में सर्वसम्मति से स्वीकार्य फॉर्मूला तैयार कर लेंगे.
मराठा नेता और शिवबा संगठन के नेता मनोज जारांगे-पाटिल को जालना से एमवीए समर्थित लोकसभा उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने के अंबेडकर के एकतरफा प्रस्ताव से कई सहयोगी निजी तौर पर नाराज हैं.
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