नई दिल्ली. देश में आम चुनाव की मतगणना 4 जून को होनी है. इससे पहले रविवार को सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस समेत विपक्षी दल चुनाव आयोग पहुंचे. विपक्षी दलों के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग के समक्ष पोस्टल बैलेट का मुद्दा रखा. विपक्षी नेताओं का कहना है कि मतगणना के दौरान पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जाए. वहीं केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का एक प्रतिनिधिमंडल निर्वाचन आयोग से मिला.
बीजपी ने क्या रखीं मांगे
गोयल ने कहा, हमने चार मांगें चुनाव आयोग के सामने रखी हैं। हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि काउंटिंग प्रक्रिया में लगे अधिकारियों को प्रक्रिया की पूरी जानकारियां दी जाएं. उनकी ट्रेनिंग अच्छे तरीके से की जाए। काउंटिंग प्रक्रिया से जुड़े छोटे से छोटे जो विषय हैं, उनको बड़े गंभीरता से लिया जाए। जिससे किसी भी प्रकार की कोई परेशानी न हो.
इसके अलावा गोयल ने कहा-हमने उनसे कहा कि सिविल सोसायटी के कुछ लोग चुनाव प्रक्रिया पर गलतफहमी फैलाने का प्रयास कर रहे हैं, उन पर पैनी नजर रखी जाए. उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को कमजोर करने के व्यवस्थित प्रयासों का संज्ञान लेने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की.
विपक्षी दलों ने क्या कहा
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि पोस्टल बैलेट एक जानी-मानी प्रक्रिया है और कई बार पोस्टल बैलेट चुनाव परिणाम में निर्णायक साबित होते हैं. उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि पोस्टल बैलेट की गिनती सबसे पहले करना, पहले की भांति अनिवार्य रखा जाए. सबसे अहम मुद्दा यह है कि पोस्टल बैलेट चुनाव के परिणाम को एक से दूसरी दिशा में ले जा सकते हैं.