विकास दुबे ने इन पुलिसवालों को फोन कर दी थी लाशें बिछाने की धमकी

कानपुर शूटआउट केस में नये खुलासे हो रहे हैं, आपको इस मामले से जुड़े 5 मुख्य पहलुओं को समझाते हैं. जिसे जानकर हर किसी के होश फाख्ता हो जाएंगे..

Written by - Ayush Sinha | Last Updated : Jul 7, 2020, 12:01 PM IST
    • कानपुर शूटआउट केस के 5 मुख्य पहलू
    • विकास दुबे ने दी थी लाशें बिछाने की धमकी
    • विकास ने धमकी देकर वहीं काम किया
विकास दुबे ने इन पुलिसवालों को फोन कर दी थी लाशें बिछाने की धमकी

नई दिल्ली: फरार हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे मामले में लगातार बड़े अपडेट आ रहे हैं. इस खबर से जुड़े 5 मुख्य पहलुओं की जानकारी दे देते हैं. ये सिर्फ खबर का नया मोड़ नहीं बल्कि बहुत बड़ी जानकारियां और खुलासे हैं.

पहला पहलू- विकास दुबे ने दी थी लाशें बिछाने की धमकी

सूत्रों के मुताबिक, वारदात से ठीक 54 मिनट पहले रात 12:11 बजे मिनट पर विकास दुबे ने चौबेपुर थाने के सिपाही राजीव चौधरी को फोन मिलाया और गालियां देकर पुलिस वालों की लाशें बिछा देने की धमकी दी थी. सिपाही के फोन से विकास की रिकॉर्डिंग पुलिस के हाथ लगी. सिपाही राजीव इसीलिये सस्पेंड किया गया.

चौबेपुर थाने के निलंबित सब इंस्पेक्टर से पूछताछ में ये भी बड़ा खुलासा हुआ है कि 2 जुलाई को शाम 4 बजे विकास दुबे ने सब इंस्पेक्टर को धमकी दी. विकास दुबे ने कहा था कि थानेदार को समझा लो वरना गांव से लाशें उठेंगी. धमकी के बाद सब इंस्पेक्टर ने अपनी बीट बदलने को कही थी. डर की वजह से सब इंस्पेक्टर मुठभेड़ की टीम में शामिल नहीं हुआ था.

खबर ये है कि कॉन्स्टेबल राजीव के फोन की रिकॉर्डिंग में बड़ी बात सामने आई है. मतलब ये है कि चौबेपुर थाने के पुलिसकर्मियों से विकास का संपर्क था

दूसरा पहलू- पुलिस ने विकास दुबे के नौकरों को किया गिरफ्तार

जानकारी के अनुसार यूपी पुलिस ने विकास दुबे से कनेक्शन को देखते हुए उसके नौकरों को गिरफ्तार किया है. नौकरों पर आरोप था कि उन्होंने मुठभेड़ के दौरान अपराधियों की मदद की थी.

खबर ये है कि विकास के नौकरों की गिरफ्तारी की गई है. मतलब ये है कि विकास के अपराधी गैंग पर लगातार कार्रवाई हो रही है

तीसरा पहलू- विकास दुबे फरार, कौन है हिस्ट्रीशीटर का मददगार?

कानपुर में अपराधियों से लोहा लेते 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गये. लेकिन 100 घंटे से अधिक वक्त बीतने के बाद भी वारदात का मुख्य आरोपी विकास दुबे पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. विकास की तलाश यूपी के साथ ही दूसरे प्रदेशों में भी की जा रही है. लेकिन अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. जाहिर है कि अब भी विकास को कई बड़े लोगों का साथ मिल रहा है. जो उसको छिपाने में मदद कर रहे हैं.

खबर ये है कि वारदात के 100 से अधिक घंटे बाद भी विकास फरार है और इसका मतलब ये है कि विकास के अब भी कई मददगार हैं

चौथा पहलू- चौबेपुर थाने के 10 पुलिस कॉन्स्टेबल पर मुखबिरी की शक

हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की मदद करने वालों की जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है. चौबेपुर के साथ ही कई और थानों के पुलिसकर्मियों पर शक है. बिल्हौर, ककवन और शिवराजपुर थाने के पुलिसकर्मियों पर भी शक है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार 4 थानों में तैनात कई पुलिसकर्मियों के मोबाइल सर्विलांस पर रखा गया है.

खबर ये है कि शहीद सीओ का एसओ के खिलाफ पत्र वायरल हो रहा है. मतलब ये है कि विकास और थानाध्यक्ष के बीच संबंध था

पांचवां पहलू- हिस्ट्रीशीटर विकास पर कई केस दर्ज करने की तैयारी

हिस्ट्रीशीटर विकास पर कई केस दर्ज करने की तैयारी तेज हो गई है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार जो लोग डर से सामने नहीं आते थे अब केस कराने के तैयार हैं. हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के भाई पर भी केस की तैयारी है.

वहीं विकास दुबे की तलाश में पूरे उत्तर प्रदेश में अभियान के तहत कई ज़िलों में विकास के पोस्टर लगाये गए हैं. बाज़ार, टोल प्लाजा और कोर्ट के बाहर पोस्टर लगे हैं. सभी जिलों की कोर्ट के बाहर बड़ी संख्या में पुलिस तैनात है.

खबर ये है कि यूपी के कई जिलों में विकास के पोस्टर लगाए गए हैं. मतलब ये है कि तलाश की मुहिम में पुलिस को पब्लिक का साथ है

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आपने इन 5 पहलुओं से ये समझा कि इस खबर को लेकर क्या नये-नये खुलासे हो रहे हैं. वहीं आपको बता दें कि कानपुर में पुलिस पर हमला मामले की मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो गई है. कानपुर के एडीएम ने मामले की जांच शुरू की और एडीएम दफ्तर से केस से जुड़े दस्तावेज मांगे गये.

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