नई दिल्ली: शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की हत्या पंजाब की कांग्रेस सरकार के माथे पर बदनुमा दाग है. आतंकियों की इस गोली से सिर्फ पंजाब के जांबाज का सीना छलनी नहीं हुआ है. छलनी हुई है पंजाब की कानून व्यवस्था और पंजाब पुलिस का इकबाल. सरकारी लापरवाही से बलविंदर सिंह का परिवार आज बेसहारा हो गया.
बलविंदर सिंह के घर से मिले सीसीटीवी फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि दिन दहाड़े घर के दरवाजे पर 2 नकाबपोश हत्यारे आते हैं. गेट खटखटाते हैं. फिर कुंडी हटाकर घर के भीतर दाखिल होते हैं और सामने बलविंदर सिंह को देखते ही ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर फरार हो जाते हैं.
हत्या की जांच के लिए SIT का गठन
बलविंदर सिंह के शव का अंतिम संस्कार परिवार ने तब तक करने से इनकार कर दिया है जब तक पंजाब सरकार और पुलिस डीजी की तरफ से लिखित तौर पर सुरक्षा की गारंटी न मिल जाए. फिलहाल पुलिस ने SIT का गठन कर दिया है जिसमें 3 तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों को लगाया गया है। SIT ने जांच दो एंगल पर शुरू की है.
पहला- बलविंदर की हत्या में किसी आतंकी संगठन या खालिस्तानी संगठन का हाथ हो सकता है
जांच का दूसरा एंगल ये कि ये कहीं व्यक्तिगत या पारिवारिक रंजिश का मामला तो नहीं है. इस मामले में पुलिस लगातार बलविंदर सिंह के करीबियों से पूछताछ कर रही है.
हत्या के बाद पंजाब की कानून व्यवस्था पर सवाल
- क्या इतना आसान है पंजाब में इस तरह एक जांबाज का सीना छलनी करके निकल जाना.
- क्या इतना आसान है पंजाब में वीरता पुरस्कार विजेता की हत्या कर फरार हो जाना.
- क्या इतना आसान है 40 बार आतंकियों से लोहा लेने वाले बलविंदर को निशाना बनाना.
खतरे के बावजूद पंजाब सरकार ने छीन ली थी सुरक्षा
जिस बहादुर के घर इतने आतंकी हमले हुए हों, जो परिवार सालों से खालिस्तानी आतंकियों और पाकिस्तान के आतंकियों के खतरे से लड़ता रहा हो, जिसे कई साल तक सरकार ने सुरक्षा दी हो, पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार ने मार्च 2020 में बलविंदर सिंह के परिवार से सुरक्षा वापस ले ली. बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर ने बताया कि बलविंदर सिंह ने सुरक्षा वापस लिए जाने का विरोध भी किया था. लेकिन प्रशासन की लापरवाही के आगे कभी हिम्मत न हारने वाले बलविंदर की हत्या हो गई.
उन्होंने बताया कि उनके पति को शौर्य चक्र प्राप्त हुआ था. पूरे परिवार को हमेशा हमले की आशंका रहती थी. इसके बावजूद भी उनकी सुरक्षा छीन ली गई थी. इस संबंध में कई बार पुलिस के आला अधिकारियों से भी उनके पति मिले थे और सुरक्षा की मांग की थी लेकिन बावजूद इसके उन्हें सुरक्षा नहीं दी गई.
बलविंदर सिंह के परिवार में 4 शौर्य चक्र विजेता
मातम में डूबा बलविंदर सिंह का परिवार अपनी वीरता के लिए जाना जाता है. आस पास के गांवों में इस परिवार की बहादुरी के किस्से बच्चों को सुनाए जाते हैं. इस परिवार में 1 नहीं बल्कि 4-4 वीरता पुरस्कार विजेता हैं. खुद कामरेड बलविंदर सिंह, उनकी पत्नी जगदीश कौर, भाई रंजीत सिंह और भाभी को आंतकवादियों दांत खट्टे करने में अदम्य साहस के लिए शौर्य चक्र सम्मान मिल चुका है.
इस परिवार पर 40 से ज्यादा बार आतंकी हमले हुए हैं. इसीलिए कामरेड बलविंदर सिंह की पत्नी जगदीश कौर ने इस बार भी आतंकी हमले का शक जताया है. उन्होंने कहा कि रेफ़रेंडम 20-20 से उनके पति की हत्या के तार जुड़ सकते हैं.
पत्नी और बच्चे भी चलाना जानते थे हथियार
बलविंदर ने अपनी पत्नी और बच्चों को हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दी थी. ये बात आतंकी भी जानते थे. ऐसे में बलविंदर के घर में कदम रखने में भी आतंकियों के पसीने छूटते थे. फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि आतंकियों ही हिम्मत बढ़ गई और वो बेधड़क घर में घुसकर बलविंदर की हत्या को अंजाम दे दिया.
बीजेपी ने इसके लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए हमला बोला है. पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बलविंदर की हत्या के लिए पंजाब सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
हत्या के पीछे कहीं साजिश को नहीं ?
सवाल ये उठता है कि इस परिवार की सुरक्षा किसके कहने पर वापस ली गई? ऐसा क्या हुआ कि पंजाब सरकार ने सालों से मिल रही सुरक्षा वापस ली और उसके कुछ दिनों बाद बलविंदर सिंह की हत्या हो गई? क्या ये महज़ एक संयोग है या इसके पीछे कोई बड़ी साज़िश है. ये सब कुछ SIT जांच में सामने आने की उम्मीद है.
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