ये रत्न कभी नहीं होते पुराने, खरोंच आने पर इस रत्न को तुरंत बदल दें

रत्न धारण करने से पहले सबसे महत्वपूर्ण बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए, वह यह है कि रत्न से किसी चमत्कार की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. रत्न धारण करने के बाद इसका असर धीरे-धीरे पड़ता है

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Oct 21, 2022, 03:08 PM IST
  • नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न
  • ग्रहों के अनुकूल रत्नों का होना जरूरी
ये रत्न कभी नहीं होते पुराने, खरोंच आने पर इस रत्न को तुरंत बदल दें

नई दिल्ली. नौ ग्रहों के लिए अलग-अलग रत्न पहने जाते हैं. जिसमें सूर्य के लिए माणिक, चंद्रमा कि लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, गुरु के लिए पुखराज, बुध के लिए पन्ना, शनि के लिए नीलम, शुक्र के लिए हीरा, राहु के लिए गोमेद और केतु के लिए लहसुनिया धारण किए जाते हैं. रत्न को सही से पहनने पर इसके लाभ चमत्कारिक होते हैं। अन्यथा इसके नकारात्मक प्रभाव भी जीवन पर पड़ते हैं।

कब बदलना चाहिए रत्न
मूंगा और मोती को छोड़कर बाकी रत्न कभी पुराने नहीं होते हैं. मोती की चमक धुंधली होने पर और मूंगा में खरोंच आने पर इन्हें बदल देना चाहिए. इसके अलावा माणिक्य, पन्ना, पुखराज, नीलम और हीरा को कभी बदला नहीं जाता.

शुक्ल पक्ष में ही धारण करें रत्न
 रत्न केवल ‘शुक्ल पक्ष’ (चंद्रमा के उज्ज्वल आधे भाग में) में ही धारण करना चाहिए. आप चाहे जो भी रत्न धारण करें, यह महत्वपूर्ण है कि इसे केवल चन्द्रमा के उज्ज्वल चंद्र चरण में ही पहना जा सकता है.

रत्न पहनने का सही समय
रत्न को सूर्योदय के एक या दो घंटे बाद ही धारण करना चाहिए. उपयुक्त समय प्रातः 6 से 8 तक है. दिन का समय ज्योतिषी से सलाह लेकर ही होना चाहिए.

कितने रत्ति का पहने रत्न
रत्न के वजन को आप इस तरह नाप सकते हैं. अपने शरीर के वजन को 12 से विभाजित करें और जो भी संख्या आए, ‘रति’ में रत्न का वजन कम से कम उतना ही होना चाहिए. उदाहरण के लिए, यदि आपका वर्तमान वजन 60 किग्रा है, तो इसे 12 से विभाजित करने पर 5 आता है. ऐसे मे कम से कम 5 ‘रति’ वजन का रत्न ज़रूर पहनना चाहिए.

छोटी समस्या के लिए न पहने रत्न
रत्न केवल उन्हीं लोगों को धारण करना चाहिए, जिनके जीवन में कोई समस्या चल रही हो. यदि समस्या छोटी है या प्रयास की कमी है, तो व्यक्ति को कड़ी मेहनत करनी चाहिए.

उंगली से बाहर न निकालें अंगूठी
जिस अंगूठी में रत्न हो, वह ऐसी होनी चाहिए, जिसमें रत्न त्वचा को छू सके. अंगूठी न तो ज्यादा टाइट होना चाहिए और न ही ज्यादा ढीली. बिना किसी कारण के अंगूठी को उंगली से बाहर नहीं निकालना चाहिए.

परामर्श के बाद ही पहने रत्न
रत्न धारण करने से पहले हमेशा किसी बुद्धिमान ज्योतिषाचार्य से परामर्श करना चाहिए और रत्न लेने से पहले अच्छी तरह से परामर्श करना चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)

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