नई दिल्ली: Magh Mela Dates 2024: माघ में गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है. माघ का महीना श्रीकृष्ण का प्रिय माह माना गया है. हर साल मकर संक्रांति से माघ मेले की शुरुआत होती है. इसमें कुल छह शाही स्नान होते हैं, जो मकर संक्रांति से शुरू होकर महाशिवरात्रि तक होते हैं. प्रयागराज में गंगा, यमुना, और सरस्वती नदी का संगम है. माघ में इस संगम में स्नान करने का विशेष महत्व है. इस संगम को त्रिवेणी कहा जाता है. यह बहुत ही पवित्र स्थल है. आम दिनों में भी यहां पर स्नान करना चाहिए.
ऐसी मान्यता है कि माघ मास में दान करने से कई जन्मों का फल मिलता है. माघ महीने में श्रीकृष्ण, सूर्य देव की पूजा, गंगा स्नान, जरूरतमंदों को दान देने का विशेष महत्व है.
माघ स्नान की तारीखें
माघ का पहला स्नान 15 जनवरी, सोमवार, मकर संक्रांति को था. दूसरा स्नान 25 जनवरी, गुरुवार यानी आज पौष पूर्णिमा को है. तीसरा स्नान 9 फरवरी, शुक्रवार, मौनी अमावस्या को है. चौथा स्नान 14 फरवरी, बुधवार, वसंत पंचमी को रहेगा. पांचवा स्नान 24 फरवरी, शनिवार, माघ पूर्णिमा के दिन है. छठा स्नान 8 मार्च, शुक्रवार, महाशिवरात्रि को होगा.
माघ महीने के नियम
माघ माह में वस्त्र, तिल, गुड़, गेहूं, जल का दान करना चाहिए. माघ में सुबह देर तक न सोएं. रोजाना स्नान करें. बिस्तर का त्याग कर जमीन पर सोएं. माघ माह में तिल का 6 तरीके इस्तेमाल करना चाहिए. उबटन लगाना, तिल से हवन, तिल से स्नान, सेवन, दान, तिल का भोग लगाएं. ऐसा करने पर धन प्राप्त होता है. माघ मास में रोज कान्हा जी का पूजा करनी चाहिए. प्रतिदिन गीता पाठ करने से घर में सुख-शांति आती है.
माघ मास में स्नान का क्या है महत्व
माघ के भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना चाहिए. हिंदू धर्म में बताया गया है कि माघ में पवित्र नदियों में स्नान करने से भगवान बहुत ही प्रसन्न होते हैं और हर इच्छा को पूरा करते हैं. बता दें कि माघ में सबसे ज्यादा प्रयाग में गंगा और यमुना के संगम पर स्नान करना चाहिए. जो लोग प्रयाग जाकर लाभ ना उठा सकें, उन्हें घर पर ही सामान्य पानी से गंगा जल डाल कर नहाकर भगवान की पूजा करके लाभ जरूर उठाना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)