ऐसे लोगों का अपने पिता से रिश्ता हो जाता है खराब, क्या आपकी कुंडली में भी है ये दोष

Jyotish Upay: ज्योतिष उपाय से जीवन में आने वाली समस्याओं से पार पाया जा सकता है. ज्योतिष शास्त्र में संकटों से बचाव के लिए उपाय बताए गए हैं. ऐसे ही उपाय बता रहे हैं आचार्य विक्रमादित्यः

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 1, 2022, 06:19 AM IST
  • सूर्य का संबंध है पिता से
  • भद्रक योग कब बनता है
ऐसे लोगों का अपने पिता से रिश्ता हो जाता है खराब, क्या आपकी कुंडली में भी है ये दोष

नई दिल्ली: Jyotish Upay: ज्योतिष शास्त्र में रिश्तों के बनने-बिगड़ने के पीछे ग्रहों की चाल काफी मायने रखती है. अगर ये सही न हो तो आपके रिश्ते अपने बेहद करीबियों से भी बिगड़ सकते हैं. आचार्य विक्रमादित्य बता रहे हैं कि अगर आपकी कुंडली में भी ये दोष है तो आपका अपने पिता से भी रिश्ता खराब हो सकता है.

सूर्य का संबंध है पिता से
सासाराम से नीतेश चौधरी पूछते हैं कि पिता से उनके संबंध बिगड़ते जा रहे हैं. क्या करें? इस पर आचार्य बताते हैं कि जितने भी ग्रह हैं वह सभी अलग-अलग रिश्तों को रिप्रजेंट करते है. सूर्य का संबंध पिता से है. चंद्र का संबंध माता से है. मंगल का संबंध भाई से है. गुरु का संबंध हमारे विशिष्ट व्यक्तियों से हैं. शुक्र का संबंध पत्नी से है.

पिता से रिश्ता खराब तो सब खराब
अगर इन सबसे लगातार आपके संबंध खराब हो रहे हैं तो कारण याद रख लीजिए कि आपकी कुंडली में सूर्य की दशा खराब हो गई है. सूर्य की दशा ठीक कर लीजिए. ये सारे रिश्ते धीरे-धीरे अपने आप ठीक हो जाएंगे. जैसे जिस घर में जिस जातक का पिता के साथ रिश्ता खराब हो तो वहां तय मानकर चलिए कि भाइयों एवं अन्य संबंधियों के साथ आपके रिश्ते सामान्य नहीं रहेंगे, क्योंकि पिता घर का मुखिया होता है.

अगर उससे रिश्ता सही है तो सब सही है. पिता से रिश्ता खराब है तो सब खराब है. इसलिए सूर्य को सही करने का प्रयास कीजिए. सूर्य को नियमित अर्घ्य दीजिए. रविवार को उपवास रखें. नमक का त्याग करें. सूर्य की दशा सही हो जाएगी.

कुंडली में भद्रक योग कब बनता है जानिए
जयपुर से विष्णु भार्गव पूछते हैं कि कुंडली में भद्रक योग कब बनता है. मार्गदर्शन करें. इस पर आचार्य बताते हैं कि यह योग बुद्ध ग्रह से संबंधित है. यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चंद्रमा से केंद्र के घरों में स्थित है अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित है तो आपकी कुंडली में भद्र योग है.

भद्रक योग की कुंडली का जातक बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है. वह सफल वक्ता भी बन सकता है. ऐसा जातक चार कौशल, लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकर के क्षेत्र में सफल रहता है. उसमें विश्लेषण करने की गजब क्षमता रहती है. उसकी तार्किक शक्ति भी अद्भुत रहती है.

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