नई दिल्ली: Astro Science: लड़कों को अक्सर ब्लैक बेल्ट घड़ियां पसंद आती हैं. काले रंग को हमेशा सदाबहार रंग माना जाता है. इसलिए पुरुष इन रंग की घड़ियाँ पहनना पसंद करते हैं. ये काला रंग हर जगह शुभ नहीं माना जाता है. दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर किसी को काली घड़ी पहनने की सलाह नहीं देता है. कई लोगों के लिए यह शुभ होता है लेकिन दूसरों के लिए यह अशुभ संकेत देता है. खासकर हिंदू धर्म में लड़के और लड़कियों दोनों को शादी के तुरंत बाद एक साल तक काला रंग पहनने की मनाही होती है. अंत में ज्योतिष शास्त्र में भी शुभ अवसरों पर काली घड़ी न पहनने की बात कही गई है. आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण.
काला रंग शुभ है या अशुभ?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काले पट्टे वाली घड़ी कभी भी अशुभता को निमंत्रण नहीं देती है. काले रंग का संबंध शनि महाराज से है. अगर आप ध्यान दें तो कई लोकप्रिय राजनेता काली बेल्ट वाली घड़ियाँ पहनते हैं. इनके लिए शनि बहुत महत्वपूर्ण है. कभी-कभी ज्योतिषी शनि के अच्छे घर में होने पर काला रंग पहनने की सलाह भी देते हैं. इसलिए काले पट्टे वाली घड़ी कभी भी अशुभ नहीं मानी जाती है.
काली पट्टे वाली घड़ी किसके लिए शुभ नहीं है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर किसी की ब्लैक बेल्ट घड़ी साढ़े सात बजे की है तो यह उनके लिए शुभ नहीं मानी जाती है. इसीलिए ज्योतिषी इन लोगों को काली बेल्ट वाली घड़ियाँ पहनने से मना करते हैं.
किसी शुभ अवसर पर काली घड़ी पहनना अशुभ क्यों माना जाता है. हिंदू धर्म में कई रीति-रिवाज और परंपराएं हैं जो हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं. हिंदू धर्म में काला रंग मृत्यु, शोक और अशुभता का प्रतीक माना जाता है. इसलिए, शुभ अवसरों पर काले रंग के कपड़े या गहने पहनने से बचना चाहिए. काला घड़ी को मृत्यु और विनाश का प्रतीक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि काली घड़ी पहनने से नकारात्मक ऊर्जा आकर्षित होती है, जो शुभ अवसरों के लिए हानिकारक हो सकती है.
कुछ लोग इन मान्यताओं का पालन करते हैं, जबकि कुछ लोग नहीं करते हैं. यह व्यक्तिगत विश्वास पर निर्भर करता है. यदि आप किसी शुभ अवसर पर काली घड़ी पहनना चाहते हैं, तो आप अपनी इच्छानुसार पहन सकते हैं. यदि आप इन मान्यताओं को मानते हैं, तो आपको शुभ अवसरों पर काली घड़ी पहनने से बचना चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)