प्रयागराज में कुंभ मेला एक भव्य आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें दुनिया भर से करोड़ों तीर्थयात्री आते हैं.
संगम में पवित्र स्नान मुख्य आकर्षण है, लेकिन प्रयागराज के आस-पास के क्षेत्र में घूमने के लिए कई ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थल हैं.
प्राचीन मंदिरों से लेकर शानदार किलों तक, ये स्थान इस त्यौहार के दौरान विजिटर्स के लिए शांति और इतिहास का एक लाजवाब अनुभव प्रदान करते हैं.
पवित्र संगम से लेकर इलाहाबाद किला और आनंद भवन जैसे प्रतिष्ठित स्थलों तक का आप आनंद ले सकते हैं. इसके अलावा प्रयागराज के पास कई बेहतरीन स्थान हैं.
प्रयागराज से 120 किलोमीटर दूर स्थित वाराणसी, जिसे बनारस या काशी के नाम से भी जाना जाता है, दुनिया के सबसे प्राचीन शहरों में से एक है.
प्रयागराज से 165 किलोमीटर दूर अयोध्या भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में उनके जीवन से गहराई से जुड़ा हुआ है.
प्रयागराज से लगभग 120 किलोमीटर दूर चित्रकूट, पौराणिक महत्व का एक सुंदर शहर है. माना जाता है कि यह भगवान राम के वनवास का स्थान है.
प्रयागराज से लगभग 89 किलोमीटर दूर मिर्जापुर, विंध्य पहाड़ियों और गंगा नदी के बीच बसा है. यहां अष्टभुजा मंदिर और तारकेश्वर नाथ मंदिर जैसे प्रसिद्ध मंदिर हैं.
प्रयागराज से 90 किलोमीटर दूर विंध्यांचल, देवी विध्यवासिनी के भक्तों के बीच एक पूजनीय स्थल है.
प्रयागराज से 370 किमी दूर स्थित बोधगया उस स्थान के रूप में वैश्विक महत्व रखता है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था.