प्रेमचंद की ये 10 जरूरी बातें मान लें, तुर्रम खां भी आपको नहीं कर सकता फेल

सफलता में दोषों को मिटाने की विलक्षण शक्ति है.

विजयी व्यक्ति स्वभाव से, बहिर्मुखी होता है. पराजय व्यक्ति को अन्तर्मुखी बनाती है.

यश त्याग से मिलता है, धोखाधड़ी से नहीं.

दौलत से आदमी को जो सम्मान मिलता है, वह उसका नहीं उसकी दौलत का सम्मान है.

मैं एक मज़दूर हूं. जिस दिन कुछ लिख न लूं, उस दिन मुझे रोटी खाने का कोई हक नहीं.

खाने और सोने का नाम जीवन नहीं है, जीवन नाम है- आगे बढ़ते रहने की लगन.

चापलूसी का ज़हरीला प्याला आपको तब तक नुकसान नहीं पहुंचा सकता, जब तक कि आपके कान उसे अमृत समझ कर पी न जाएं.

आत्मा की हत्या करके अगर स्वर्ग भी मिले, तो वह नरक है.

अतीत चाहे दु:खद ही क्यों न हो, उसकी स्मृतियां मधुर होती हैं.

स्त्री और पुरुष में मैं वही प्रेम चाहता हूं, जो दो स्वाधीन व्यक्तियों में होता है. वह प्रेम नहीं, जिसका आधार पराधीनता है.

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