अपने सब यार काम कर रहे हैं, और हम हैं कि नाम कर रहे हैं
अब मेरी कोई ज़िंदगी ही नहीं, अब भी तुम मेरी ज़िंदगी हो क्या
उस गली ने ये सुन के सब्र किया, जाने वाले यहां के थे ही नहीं
क्या तकल्लुफ़ करें ये कहने में, जो भी ख़ुश है हम उस से जलते हैं
कैसे कहें कि तुझ को भी हम से है वास्ता कोई, तू ने तो हम से आज तक कोई गिला नहीं किया
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे, जाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
कौन से शौक़ किस हवस का नहीं, दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं
ज़िंदगी किस तरह बसर होगी, दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में
'जौन' दुनिया की चाकरी कर के, तूने दिल की वो नौकरी क्या की
नया इक रिश्ता पैदा क्यूं करें हम, बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूं करें हम
यहां दिए गए शेर जौन एलिया द्वारा रचित हैं. Zee Bharat ने इन्हें इंटरनेट से लिए हैं.